इन्वेस्टमेंट कंपनी प्रोसस ने शिक्षा-प्रौद्योगिकी मंच बायजू का संचालन करने वाली कंपनी थिंक एंड लर्न में निवेश किए गए 57.8 करोड़ डॉलर (करीब 4,800 करोड़ रुपये) को बट्टे खाते में डाल दिया है। नीदरलैंड की कंपनी ने सोमवार को जारी अपनी वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी। प्रोसस की सितंबर 2022 में थिंक एंड लर्न में हिस्सेदारी घटकर 9.6 प्रतिशत रह गई थी जिससे उसका महत्वपूर्ण प्रभाव कम हो गया था। प्रोसस ने 2024 में समाप्त वित्त वर्ष के लिए जारी अपनी रिपोर्ट में कहा, "समूह की अन्य समग्र आय के माध्यम से उचित मूल्य पर बायजू में 9.60 प्रतिशत प्रभावी हित रखता है।
एनसीएलटी में ममाला विचाराधीन
महत्वपूर्ण प्रभाव गंवाने के बाद बायजू में हमारे निवेश का उचित मूल्य 57.8 करोड़ डॉलर है।" प्रोसस उन चार निवेशक कंपनियों में शामिल है जिन्होंने बायजू के प्रबंधन और इसके 20 करोड़ डॉलर के राइट इश्यू के खिलाफ एनसीएलटी का दरवाजा खटखटाया हुआ है। बायजू मंच के संस्थापक बायजू रवींद्रन ने आर्थिक संकट में फंसने के बाद कोष जुटाने के इरादे से बेहद कम मूल्यांकन पर राइट इश्यू जारी करने का फैसला किया था। यह मामला राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के विचाराधीन है।
बायजू के राइट्स इश्यू पर रोक लगाई थी
राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने शिक्षा प्रौद्योगिकी मंच बायजू का संचालन करने वाली कंपनी थिंक एंड लर्न को 11 मई को शुरू हुए राइट्स इश्यू पर आगे बढ़ने से रोक दिया था। एनसीएलटी ने इस मामले में यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया है। एनसीएलटी की बेंगलुरु पीठ के 12 जून को जारी आदेश में कहा था कि बायजू से राइट् इश्यू की पहली किस्त के तहत दो मार्च को शेयर आवंटित किए जाने से पहले और बाद के अपने शेयरधारकों का पूरा ब्योरा देना होगा। राइट्स इश्यू के खिलाफ न्यायाधिकरण का रुख करने वाले निवेशकों ने बताया कि बायजू ने 11 मई के पेशकश पत्र के जरिये दूसरा राइट्स इश्यू लाने का प्रस्ताव रखा था।