योगी सरकार उत्तर प्रदेश (UP) को विकसित राज्य बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। वह इस दिशा में लगातार काम कर रहे है। उत्तर प्रदेश को कमाऊ राज्य बनाने के लिए नोएडा, ग्रेटर नोएडा ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में उद्योग का जाल बिछा रहे हैं, जिससे लोगों को आसानी से रोजगार मिले और उनकी आमदनी बढ़े। यूपी के लोगों को आसानी से रोजगार मिले, अब इसी दिशा में उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) ने औद्योगिक केंद्रों के लिए स्थलों को चिन्हित कर लिया है। योजना के अनुसार यूपीडा प्रदेश में पांच एक्सप्रेसवेज के किनारे औद्योगिक केंद्रों की स्थापना करेगा। इससे लाखों की संख्या में नए रोजगार और नौकरियां सृजित होंगी। इससे लोगों की आय बढ़ेगी।
इन 5 एक्सप्रेसवे का किया गया चयन
इनमें आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे एवं गंगा एक्सप्रेसवे शामिल हैं। इस पर योगी सरकार अनुमानित सात हजार करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च करेगी। प्रदेश के कुल 12 जनपदों को जोड़ने वाले गंगा एक्सप्रेसवे पर 11 स्थलों को औद्योगिक गलियारे के लिए चुना गया है, जिसका कुल क्षेत्रफल 1522 हेक्टेयर है। इस पर करीब 2300 करोड़ के अनुमानित व्यय का अनुमान है।
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के किनारे बरसेंगे रोजगार
इसी तरह, 7 जनपदों को जोड़ने वाले बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के किनारे 6 स्थलों को चिन्हित किया गया है। इसका प्रस्तावित क्षेत्रफल 1884 हेक्टेयर है, जिस पर 1500 करोड़ से ज्यादा व्यय का अनुमान है। इसी तरह, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से जुड़े 10 जनपदों में 5 स्थलों का चयन किया गया है। इसका कुल क्षेत्रफल 532 हेक्टेयर है, जिसके विकास पर करीब 650 करोड़ का व्यय अनुमानित है। वहीं, 9 जनपदों को जोड़ने वाले पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर औद्योगिक गलियारे के लिए 5 स्थानों को चिन्हित किया गया है, जिसका प्रस्तावित क्षेत्रफल 1,586 हेक्टेयर है और अनुमानित व्यय 2300 करोड़ होने की संभावना है। पांचवां और अंतिम एक्सप्रेसवे गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे है। इसके 4 जनपदों में 2 स्थानों को औद्योगिक केंद्रों के लिए चुना गया है, जिसका कुल क्षेत्रफल 345 हेक्टेयर होगा और अनुमानित व्यय 320 करोड़ होने की संभावना है।
30 स्थानों को चिन्हित किया गया
कुल मिलाकर इन पांचों एक्सप्रेसवेज पर 30 स्थानों को चिन्हित किया गया है, जिसका कुल क्षेत्रफल 5,800 हेक्टेयर से ज्यादा है। यूपीडा की ओर से चिन्हित सभी 30 स्थलों से जुड़े 108 ग्रामों को प्रदेश सरकार की ओर से अधिसूचित किया जा चुका है। वहीं, भूमि क्रय के लिए संबंधित 6 जिलाधिकारियों को 200 करोड़ रुपए भी जारी किए जा चुके हैं। साथ ही भूमि क्रय के लिए बुंदेलखंड औद्योगिक प्राधिकरण की तर्ज पर 1,500 करोड़ रुपए अवमुक्त किए जाने का आदेश भी निर्गत किया जा चुका है। जनपद स्तर पर भूमि क्रय के लिए दरों का निर्धारण फिलहाल प्रक्रिया में है।
इनपुट: आईएएनएस