'भारत के विकास इंजन' के रूप में अपनी पहचान बनाए हुए गुजरात के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है। गुजरात सरकार ने कहा है कि वित्त वर्ष 2002-03 से 2022-23 तक गुजरात ने 15 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) के साथ राष्ट्रीय औसत को पीछे छोड़ दिया है। इस उपलब्धि के चलते गुजरात देश में सबसे तेजी से वृद्धि करने वाले राज्यों में से एक होने का अपना स्थान बरकरार रखा है। राज्य सरकार ने सरकारी आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा है कि मजबूत आर्थिक बुनियाद के साथ गुजरात लंबे समय से 'भारत के विकास इंजन' के रूप में अपनी पहचान बनाए हुए है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, गुजरात 22.61 लाख करोड़ रुपये के साथ भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग आठ प्रतिशत का योगदान देता है।
विकास की रफ्तार में और तेजी की उम्मीद
राज्य सरकार को अगले हफ्ते होने वाले 'वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन' (वीजीजीएस) के नवीनतम संस्करण से राज्य में विकास की रफ्तार में और तेजी आने की उम्मीद है। इस निवेशक सम्मेलन से गुजरात और भारत की अर्थव्यवस्था के बुनियादी सिद्धांतों को और मजबूती मिलने की उम्मीद है। इस द्विवार्षिक निवेशक सम्मेलन का 10वां संस्करण 10 से 12 जनवरी के बीच गांधीनगर में आयोजित होने वाला है। इस निवेशक सम्मेलन के आयोजन की शुरुआत गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री एवं देश के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में हुई थी।
देश की प्रगति का विकास इंजन बनाना था
प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में कहा था, "जब हमने वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन शुरू किया था तो हमारा इरादा गुजरात को देश की प्रगति का विकास इंजन बनाना था। भारत के क्षेत्रफल का सिर्फ छह प्रतिशत और पांच प्रतिशत जनसंख्या वाले गुजरात ने औद्योगिक रूप से सर्वाधिक विकसित राज्यों में से एक होने का गौरव हासिल किया है।" गुजरात के अर्थशास्त्री हेमंत शाह ने कहा, "राज्य की जीडीपी वृद्धि दर भारत की जीडीपी वृद्धि दर से अधिक थी। हालांकि पिछले कुछ वर्षों में अन्य राज्यों की जीडीपी वृद्धि दर बढ़ी, लेकिन हमारी आर्थिक वृद्धि दर अन्य राज्यों की तुलना में अधिक रही। इसी वजह से कारोबारी घराने निवेश के लिए गुजरात का रुख करते हैं।" वित्त वर्ष 2021-22 के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, विनिर्माण क्षेत्र की गुजरात के जीएसडीपी (सकल राज्य घरेलू उत्पाद) में लगभग 36.7 प्रतिशत हिस्सेदारी है।