अनिल अंबानी के दिन तेजी से अच्छे हो रहे हैं। उनको लेकर एक के बाद एक अच्छी खबर आ रही है। अब अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह ने भूटान में उतरने की घोषणा की है। ग्रुप की ओर से बुधवार को ऐलान किया गया कि वह पड़ोसी देश में 1,270 मेगावाट की सौर एवं पनबिजली परियोजनाएं स्थापित करेगा। समूह ने एक बयान में भूटान सरकार की वाणिज्यिक एवं निवेश शाखा ड्रक होल्डिंग एंड इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड (डीएचआई) के साथ एक रणनीतिक साझेदारी समझौता करने की जानकारी दी। इसका उद्देश्य भूटान के नवीकरणीय और हरित ऊर्जा परिदृश्य में निवेश को बढ़ावा देना है। रिलायंस समूह और ड्रक होल्डिंग के बीच साझेदारी में हरित ऊर्जा उत्पादन, खासकर सौर एवं पनबिजली पहल पर ध्यान केंद्रित करने के साथ अभिनव हरित प्रौद्योगिकियों की खोज भी की जाएगी। भूटान के नवीकरणीय और हरित ऊर्जा क्षेत्र में निवेश के लिए रिलायंस समूह ने एक नई कंपनी ‘रिलायंस एंटरप्राइजेज’ बनाई है। इसे मुंबई में सूचीबद्ध रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड और रिलायंस पावर लिमिटेड संयुक्त रूप से प्रवर्तित करेंगी।
दो चरणों में 500 मेगावाट का सौर संयंत्र स्थापित करेगी
रिलायंस एंटरप्राइजेज अगले दो वर्षों में दो चरणों में 500 मेगावाट का सौर संयंत्र स्थापित करेगी। यह संयंत्र भूटान के गेलेफू माइंडफुलनेस सिटी में स्थापित किया जाएगा। इस साझेदारी के तहत रिलायंस पावर और ड्रक होल्डिंग संयुक्त रूप से 770 मेगावाट की चम्खरचू-1 पनबिजली परियोजना का विकास करेंगी। इस परियोजना को भूटान सरकार की नीति के तहत रियायत मिलेगी। बयान के मुताबिक, रिलायंस समूह भूटान में सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों के साथ मिलकर बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को लागू करेगा जो भूटान के शुद्ध-शून्य उत्सर्जन लक्ष्यों का समर्थन करती हैं। अनिल अंबानी की मौजूदगी में रिलायंस पावर लिमिटेड के अध्यक्ष (कॉरपोरेट विकास) हरमनजीत सिंह नागी और ड्रक होल्डिंग एंड इन्वेस्टमेंट्स के मुख्य कार्यपालक अधिकारी उज्ज्वल दीप दहल ने साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए।
साझेदारी करके खुशी हो रही
इस अवसर पर दहल ने कहा, हमें रिलायंस के साथ साझेदारी करके खुशी हो रही है और हम साथ मिलकर विश्वस्तरीय स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाएं देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिससे भारत और भूटान दोनों को लाभ होगा। रिलायंस पावर की कुल स्थापित क्षमता 5,340 मेगावाट है जिसमें मध्यप्रदेश के सासन में 4,000 मेगावाट की अल्ट्रा मेगा पावर परियोजना भी शामिल है। रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ऊर्जा क्षेत्र में सक्रिय है और दिल्ली में बिजली वितरण के साथ मुंबई मेट्रो जैसी परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित कर रही है।