RBI Policy :आप यदि अगस्त के महंगाई के आंकड़ों को पढ़कर भुला चुके हैं, तो इन्हें एक बार फिर से देख लीजिए। क्योंकि अगस्त की यह महंगाई आपके होम और कार लोन की ईएमआई में बढ़ोत्तरी की तैयारी कर चुकी है। अगस्त में ऊंची महंगाई दर के कारण माना जा रहा है कि सितंबर में भी महंगाई दर अधिक रहेगी। ऐसे में विश्लेषकों का मानना है कि भारतीय रिजर्व बैंक इस महीने नीतिगत दरों (रेपो रेट) में 0.35 प्रतिशत की और वृद्धि कर सकता है। रिजर्व बैंक इस बार 30 सितंबर को ब्याज दरों की घोषणा करेगा।
महंगाई को रोकने से भी बढ़ेगी महंगाई?
दरअसल खुदरा महंगाई दर अगस्त महीने में बढ़कर सात प्रतिशत पर पहुंच गयी है। एक महीने पहले जुलाई में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति 6.71 प्रतिशत और पिछले साल अगस्त में 5.3 प्रतिशत थी। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति लगातार आठवें महीने केंद्रीय बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है।
3 बार बढ़ चुकी हैं ब्याज दरें
महंगाई पर काबू पाने के लिए आरबीआई ने इस साल प्रमुख ब्याज दर को तीन बार बढ़ाकर 5.40 प्रतिशत कर दिया है। इसके बावजूद मुद्रास्फीति छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है। थोक महंगाई की दर पिछले 17 महीने से दहाई के अंक में रही हैं। वहीं रिटेल महंगाई भी बीत 8 महीनों से रिजर्व बैंक की सहनय सीमा से अधिक है।
ये है यूबीएस सिक्योरिटीज का अनुमान
स्विट्जरलैंड की ब्रोकरेज कंपनी यूबीएस सिक्योरिटीज में भारत के लिए मुख्य अर्थशास्त्री तन्वी गुप्ता जैन ने कहा कि सितंबर में भी मुद्रास्फीति के अगस्त महीने के स्तर पर कायम रहने की संभावना है। हालांकि, अक्टूबर से इसमें कमी आ सकती है। ऐसे में आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति 30 सितंबर की नीतिगत समीक्षा में रेपो दर में 0.35 प्रतिशत की वृद्धि का फैसला ले सकती है।
बार्कलेज को .50 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान
बार्कलेज सिक्योरिटीज इंडिया में मुख्य अर्थशास्त्री राहुल बजोरिया ने कहा कि थोक और खुदरा दोनों मुद्रास्फीति ऊंचे स्तर पर बनी हुई है और ऐसा अनुमान है कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति बदलते मूल्य रूझानों पर गौर करेगी। उन्होंने कहा कि समिति समय रहते 30 सितंबर तक दरें बढ़ा सकती है और यह वृद्धि 0.50 प्रतिशत की हो सकती है।
मॉर्गन स्टेनली का अनुमान
मॉर्गन स्टेनली ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में भी थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 5.3 प्रतिशत के आसपास रहने का अनुमान है और आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में रिजर्व बैंक रेपो दरों में 0.35 प्रतिशत की वृद्धि कर सकता है।