भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के केंद्रीय निदेशक मंडल ने शुक्रवार को वैश्विक वित्तीय बाजार की अस्थिरता से उत्पन्न चुनौतियों सहित घरेलू आर्थिक स्थिति और परिदृश्य की समीक्षा की। केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा कि निदेशक मंडल ने लेखा वर्ष 2024-25 के लिए बजट को भी मंजूरी दी। RBI के केंद्रीय निदेशक मंडल की 607वीं बैठक गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में नागपुर में संपन्न हुई। आरबीआई ने कहा, “निदेशक मंडल ने भू-राजनीतिक विकास और वैश्विक वित्तीय बाजार की अस्थिरता से उत्पन्न चुनौतियों सहित वैश्विक और घरेलू आर्थिक स्थिति और परिदृश्य की समीक्षा की।”
इन अहम मुद्दों पर हुई चर्चा
इसके अलावा, निदेशक मंडल ने आरबीआई की गतिविधियों पर भी चर्चा की। इनमें चालू लेखा वर्ष 2023-24 के दौरान डिजिटल भुगतान, उपभोक्ता शिक्षा और जागरूकता में हुई प्रगति शामिल है। बैठक में केंद्रीय निदेशक मंडल के निदेशक सतीश के मराठे, रेवती अय्यर, सचिन चतुर्वेदी, वेणु श्रीनिवासन और रवींद्र एच ढोलकिया शामिल हुए। बैठक में डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा, एम राजेश्वर राव, टी रबी शंकर और स्वामीनाथन जे के अलावा आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ और वित्तीय सेवा विभाग के सचिव विवेक जोशी ने भी हिस्सा लिया।
रिजर्व बैंक के कार्यालय 30, 31 मार्च को खुले रहेंगे
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के सरकारी कामकाज से संबंधित कार्यालय और एजेंसी बैंकों की सभी नामित शाखाएं करदाताओं की सुविधा के लिए चालू वित्त वर्ष के अंतिम दो दिन 30 और 31 मार्च को सामान्य कामकाजी घंटों के अनुरूप खुली रहेंगी। सरकारी खातों की वार्षिक बंदी को देखते हुए रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा, इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन 30 मार्च और 31 मार्च को शनिवार और रविवार होने के बाद भी निर्धारित समय तक किए जा सकते हैं। बयान के अनुसार, “राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण (एनईएफटी) और वास्तविक समय सकल निपटान (आरटीजीएस) प्रणाली के माध्यम से लेनदेन 31 मार्च, 2024 को रात 12 बजे तक जारी रहेगा।” इसमें कहा गया कि सरकारी प्राप्तियों और भुगतानों को सुविधाजनक बनाने के लिए देशभर में विशेष समाशोधन अभियान चलाने के लिए जरूरी व्यवस्थाएं भी की गई हैं।