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ओमिक्रॉन संकट: ऑक्सीजन की कमी पूरी करेंगे उद्योग, DPIIT ने प्रति दिन 19,000 मीट्रिक टन का दिया भरोसा

देश के विभिन्न हिस्सों में 4,000 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता वाले 'प्रेशर स्विंग एडजॉर्प्शन’ (पीएसए) संयंत्र स्थापित किए गए हैं

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: January 07, 2022 14:40 IST
ओमिक्रॉन संकट:...- India TV Paisa
Photo:PTI

ओमिक्रॉन संकट: ऑक्सीजन की कमी पूरी करेंगे उद्योग, DPIIT ने प्रति दिन 19,000 मीट्रिक टन का दिया भरोसा

Highlights

  • देश के विभिन्न हिस्सों में 4,000 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता वाले 'प्रेशर स्विंग एडजॉर्प्शन’ (पीएसए) संयंत्र स्थापित कि
  • जरुरत पड़ने पर देश में प्रति दिन 19,000 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग को पूरा किया जा सकता है
  • कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन के देश के आर्थिक वृद्धि पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ने की आशंका नहीं

नयी दिल्ली। कोरोना वायरस के नए मामलों से निपटने के लिए सरकार बेहतर तरीके से तैयार है और जरुरत पड़ने पर देश में प्रति दिन 19,000 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग को पूरा किया जा सकता है। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव अनुराग जैन ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन के देश के आर्थिक वृद्धि पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ने की आशंका नहीं है। 

जैन ने देश में ऑक्सीजन की उपलब्धता पर कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में 4,000 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता वाले 'प्रेशर स्विंग एडजॉर्प्शन’ (पीएसए) संयंत्र स्थापित किए गए हैं। फिलहाल लगभग 1.4 लाख ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर उपलब्ध है और उत्पादन क्षमता लगभग 9,800 मीट्रिक टन हो गई है। 

उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा अगर देश में कोरोना वायरस की तीसरी लहर आती है, तो प्रति दिन 17,000-18,000 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आवश्यकता होगी। ऐसी स्थिति में जरुरत पड़ने पर 19,000 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग पूरी की जा सकती है। 

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