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America में महंगाई पर लगाम नहीं लगने से बढ़ी मंदी की आशंका, फेडरल रिजर्व उठा सकता है सख्त कदम

America में वेतन बढ़ने से कंपनियों को दाम बढ़ाने पड़ रहे हैं ताकि उच्च श्रम लागत की पूर्ति की जा सके, वहीं इससे उपभोक्ताओं की खर्च करने की क्षमता भी बढ़ी है।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: September 14, 2022 11:53 IST
America - India TV Paisa
Photo:AP America

Highlights

  • सरकार ने कहा कि मुद्रास्फीति जुलाई से अगस्त के बीच 0.1 फीसदी बढ़ गई
  • सालाना आधार पर मुद्रास्फीति अगस्त में 8.3 फीसदी बढ़ गई
  • हालांकि यह जून के चार दशक के उच्चतम स्तर 9.1 फीसदी से कम है

America में महंगाई कम होने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे और इससे निपटने के लिए केंद्रीय बैंक ‘फेडरल रिजर्व’ के आक्रामक कदम उठाने के अनुमान हैं। ऐसे में वित्तीय बाजार में निवेशकों की धारणा प्रभावित हो रही है और मंदी की आशंका बढ़ गई है। लंबे समय से महंगाईका कारण रहे कुछ कारक मसलन गैस दाम, आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान आदि में नरमी आई है लेकिन कुछ अन्य कारण महंगाईकी स्थिति को और भी चिंताजनक बना रहे हैं। अब दाम नहीं बढ़ रहे क्योंकि वे पहले ही आसमान छू चुके हैं। बल्कि महंगाई अब अर्थव्यवस्था में और व्यापक पैठ बना चुकी है और इसके पीछे वजह है मजबूत रोजगार बाजार।

उपभोक्ताओं की खर्च करने की क्षमता भी बढ़ी

वेतन बढ़ने से कंपनियों को दाम बढ़ाने पड़ रहे हैं ताकि उच्च श्रम लागत की पूर्ति की जा सके, वहीं इससे उपभोक्ताओं की खर्च करने की क्षमता भी बढ़ी है। मंगलवार को सरकार ने कहा कि मुद्रास्फीति जुलाई से अगस्त के बीच 0.1 फीसदी और सालाना आधार पर 8.3 फीसदी बढ़ गई। हालांकि यह जून के चार दशक के उच्चतम स्तर 9.1 फीसदी से कम है। खाद्य और ऊर्जा जैसी अस्थिर श्रेणियों को छोड़ दें तो बुनियादी दाम भी अनुमान से कहीं अधिक तेजी से बढ़े हैं और ये जुलाई से अगस्त के बीच 0.6 फीसदी बढ़ गए। केंद्रीय बैंक बुनियादी दामों पर विशेष ध्यान देता है और हालिया आंकड़ों को देखते हुए कहा जा सकता है कि फेडरल रिजर्व और आक्रामक कदम उठा सकता है। बुनियादी आंकड़ों की मजबूती को देखते हुए ये चिंताएं पैदा हो गई हैं कि मुद्रास्फीति अब अर्थव्यवस्था के सभी कोनों तक पहुंच चुकी है।

अगस्त में नियुक्ति गतिविधियां हुईं धीमी

अमेरिका में उच्च ब्याज दरों, महंगाई और सुस्त उपभोक्ता खर्च के बीच नियोक्ताओं ने अगस्त में अपनी नियुक्ति गतिविधियों को धीमा कर दिया। सरकार ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अगस्त में 3,15,000 लोगों को नौकरी पर रखा गया, जो जुलाई में 526,000 लोगों को मिली नौकरी और पिछले तीन माह की औसत संख्या से कम है। देश में बेरोजगारी दर बढ़कर 3.7 प्रतिशत पर पहुंच गई। जुलाई में यह 3.5 प्रतिशत के साथ आधी सदी के निचले स्तर पर थी। अमेरिकी नागरिकों के नौकरी की तलाश करने के बीच तुरंत काम नहीं मिलने से दर में वृद्धि हुई है। अमेरिका का केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व नियुक्ति और वेतनवृद्धि को धीमा करने की कोशिश करने के लिए तेजी से ब्याज दरें बढ़ा रहा है, जो लगातार मजबूत रही है। रिपोर्ट के अनुसार, देश में नौकरी के विज्ञापन ऊंचे बने हुए है और नौकरी में छंटनी की रफ़्तार धीमी है। यह दर्शाता है कि ज्यादातर कारोबारी अब भी नियुक्ति करना चाहते है और अर्थव्यवस्था मंदी में नहीं है।

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