त्योहारी सीजन में इस बार टीवी, फ्रीज से लेकर तमाम जरूरी सामानों की ऑनलाइन-ऑफलाइन दुकानों से बंपर ब्रिकी होने की उम्मीद है। मार्केट के जानकारों का कहना है कि कोरोना महामारी से पूरी तरह से उबर कर बाजार इस पर उछाल मारने को तैयार है। भारतीय अर्थव्यवस्था की शानदार ग्रोथ भी इस बार उपभोक्ताओं के मनोबल को ऊंचा किए हुए हैं। इसके चलते ऑफलाइन दुकानदार से लेकर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म उत्साहित हैं। बाजार अनुसंधान कंपनी रेडसीर स्ट्रैटेजी कंसल्टेंट्स की रिपोर्ट से भी इस बात पर मुहर लगी है कि इस बार का त्योहारी सीजन दमदार होने वाला है। बिक्री के सारे पुराने रिकॉर्ड टूट जाएंगे। रिपोर्ट के अनुसार, आगामी त्योहारी सीजन के दौरान ऑनलाइन बिक्री में सालाना आधार पर 18-20 प्रतिशत की वृद्धि होने के साथ ही इसके 90,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है।
14 करोड़ लोग ऑनलाइन खरीदारी करेंगे
रेडसीर ने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि भारत ईटेलिंग के 2023 त्योहारी महीने का जीएमवी (सकल व्यापारिक मूल्य) करीब 90,000 करोड़ रुपये रहेगा जो पिछले साल के त्योहारी महीने की बिक्री से 18-20 प्रतिशत अधिक है।’’ कंपनी के अनुसार, ऑनलाइन खरीदारी करने वाले करीब 14 करोड़ लोगों के इस त्योहारी महीने के दौरान कम से कम एक बार ऑनलाइन खरीदारी करने की उम्मीद है। आगामी त्योहारी सीजन संभावित रूप से मार्जिन के मामले में अब तक का सबसे सफल सीजन हो सकता है।
3 साल बाद अर्थव्यवस्था पूरी तरह पटरी पर लौटी
ऑनलाइन खरीदारों की संख्या में वृद्धि तथा तीन साल की ‘‘चुनौतीपूर्ण’’ अवधि के बाद अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने से इस साल त्योहारी मौसम में ई-कॉमर्स बिक्री के बढ़ने की उम्मीद है। बयान के अनुसार, 2014 में पूरे वर्ष ई-कॉमर्स का सकल व्यापारिक मूल्य (जीएमवी) उद्योग 27,000 करोड़ रुपये था और 2023 में इसके करीब 5.25 लाख करोड़ रुपये रहने की उम्मीद है। रेडसीर स्ट्रैटेजी कंसल्टेंट्स के साझेदार मृगांक गुटगुटिया ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक सामान त्योहार के समय अधिक बिकते हैं, पिछले कई वर्षों में त्योहारी बिक्री की तुलना से श्रेणी में विविधीकरण प्रवृत्ति स्पष्ट दिखती है। उन्होंने कहा, ‘‘ इसके जारी रहने से हम इस त्योहारी अवधि में फैशन, सौंदर्य व व्यक्तिगत देखभाल, घरेलू तथा सामान्य माल और अन्य गैर-इलेक्ट्रॉनिक्स श्रेणियों से जीएमवी योगदान में वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं।’’