दुनिया की सबसे बड़ी ईकॉमर्स कंपनी अमेजन (Amazon) ने अपने इतिहास की सबसे बड़ी छंटनी (Amazon Layoff) शुरू कर दी है। अमेजन के पास 31 दिसंबर 2021 के आंकड़े के मुताबिक, लगभग 16 लाख से जयादा फुल टाइम और पार्ट टाइम एंप्लॉईज हैं। कंपनी अपने 10000 से ज्यादा कर्मचारियों को निकालने जा रही है। इससे पहले कंपनी 2001 और 2018 में भी कर्मचारियों की छंटनी कर चुकी है। लेकिन मौजूदा आंकड़ा अब तक का सबसे बड़ा है।
260 कर्मचारियों से हुई शुरुआत
कंपनी ने मंगलवार को कैलिफोर्निया में अपने क्षेत्रीय अधिकारियों को सूचित किया कि विभिन्न केंद्रों से करीब 260 लोगों को निकाला जाएगा। जिन केंद्रों से छंटनी की जाने वाली है वहां पर डेटा सांइटिस्ट, सॉफ्टवेयर इंजीनियर तथा अन्य कॉरपोरेट कर्मचारी काम करते हैं। छंटनी का यह कदम 17 जनवरी से प्रभाव में आएगा। अमेजन के दुनियाभर में 15 लाख से अधिक कर्मचारी हैं।
छंटनी के पीछे एक कारण कोविड भी!
अमेजन की इस महा छंटनी के पीछे एक प्रमुख कारण कोरोना वायरस के कारण लगा लॉक डॉउन भी है। लॉकडाउन के कारण लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे थे। जिसके कारण भारत अमेरिका सहित पूरी दुनिया में ईकॉमर्स का मार्केट चमकने लगा। आईटी और सोशल मीडिया कंपनियों की तरह ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन को भी कोविड-19 के दौरान खासा फायदा कूटा। लेकिन जैसे ही लॉकडाउन खत्म हुआ, ग्राहक बाहर निकलने लग और ई-कॉमर्स पर निर्भरता घट गई। जिसका असर कंपनियों की रेवेन्यू पर पड़ा।
ईकॉमर्स सेक्टर की खुल गई कलई?
अमेजन से पहले ट्विटर और मेटा भी कर्मचारियों की छंटनी शुरू कर चुके हैं। लेकिन अमेजन का मामला इससे अलग है। अमेजन इंटरनेट के साथ ही ईकॉमर्स कारोबार में भी है। जहां कंपनी बीते लंबे समय से घाटा झेल रही है। भारत में भी कंपनी अभी तक घाटे से उबर नहीं पाई है। दुनिया में अमेजन पहली ऐसी कंपनी बन गई है, जिसका मार्केट वैल्यूएशन 1 लाख करोड़ डॉलर (10 खरब डॉलर) घट गया है। 21 जून को जैफ बेजोस (Jeff Bezos) की कंपनी अमेज़न का बाजार मूल्य 1.882 ट्रिलियन डॉलर था। वहीं, इस हफ्ते यह 878 बिलियन डॉलर रह गया।
भारत पर क्या असर
अमेजन ने भारत में 2014 में एंट्री ली थी। कंपनी भारत में अपना कारोबार तेजी से फैला रही है, लेकिन भारत फिलहाल अमेजन को मुनाफा नहीं दे पा रहा है। यही हाल फ्लिपकार्ट जैसी दूसरी ईकॉमर्स कंपनियों का भी है, जो लगातार घाटा झेल रही हैं। अब जहां कंपनी अपने कारोबारी निर्णयों में सख्ती दिखा रही है इससे भारत में भी असर देखने को मिल सकता है। यदि कंपनी नए वेयरहाउस के विस्तार को रोकती है तो इसे भारत के लॉजिस्टिक कारोबार पर बड़ी चोट माना जा सकता है। वहीं जॉब मार्केट पर भी इसका असर पड़ना लाजमी है।
अब क्या करेगी कंपनी
लागत कम करने के लिए अमेजन अपनी कई परियोजनाओं को रोक रही है जिनमें उसकी अनुषंगी फेब्रिक डॉट कॉम, अमेजन केयर और कूलर के आकार का होम डिलिवरी रोबोट स्काउट शामिल है। कंपनी नए गोदाम लेने की योजनाओं को भी टाल रही है या रद्द कर रही है। अमेजन के मुख्य वित्तीय अधिकारी ब्रायन ओलसावस्काय ने कहा कि कंपनी वृद्धि में नरमी की अवधि के लिए तैयारी कर रही है और निकट भविष्य में रोजगार देने को लेकर भी सतर्क रूख अपनाएगी।