घरेलू एयरलाइन कंपनी अकासा एयर के पायलटों के एक धड़े ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय से एयरलाइन की नियुक्ति प्रक्रियाओं की जांच की मांग की है। मंत्रालय को लिखे पत्र में इन पायलटों ने रोस्टरिंग संबंधी मुद्दों और अन्य खामियों का आरोप लगाया गया है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, पायलटों ने यह भी दावा किया है कि कुछ ऑपरेटिंग क्रू समय पर काम पर नहीं आते हैं और दावा किया है कि समय पर काम करने की रिपोर्टिंग में भी समस्याएं हैं। बीते गुरुवार को पायलटों के एक वर्ग ने नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू, नागरिक उड्डयन सचिव और नागरिक उड्डयन महानिदेशक को एक ई-मेल भेजा, जिसमें एयरलाइन में विभिन्न मुद्दों को उठाया गया।
नियुक्तियां कुछ चुनिंदा लोगों की मर्जी से होने का आरोप
खबर के मुताबिक, अकासा एयर की तरफ से इस मामले में तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई। ई-मेल में पायलटों ने एयरलाइन की नियुक्ति प्रक्रियाओं की जांच की मांग की है। उन्होंने दावा किया है कि नियुक्तियां कुछ चुनिंदा लोगों की मर्जी से की जा रही हैं।
इसके अलावा, पायलटों ने यह भी आरोप लगाया कि एयरलाइन के पास स्थिर रोस्टर नहीं है। हाल ही में, पायलटों के एक वर्ग ने एयरलाइन में कथित प्रशिक्षण और सुरक्षा मुद्दों के बारे में चिंता जताई थी, हालांकि एयरलाइन ने उन्हें निराधार और असत्य बताकर खारिज कर दिया था।
लगातार जांच के घेरे में है अकासा एयर
दो साल से अधिक समय से उड़ान भर रही आकाश एयर, हाल के महीनों में कुछ खामियों के कारण नियामकीय जांच के दायरे में आ गई है। नए साल की शुरुआत हुई और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने मार्च 2024 में यात्री विमान की लैंडिंग में चूक के लिए आकासा एयर के पायलट को दी गई लाइन ट्रेनिंग कैप्टन की मंजूरी को अगले आदेश तक वापस ले लिया।
दिसंबर में, डीजीसीए ने पायलटों के प्रशिक्षण में कथित खामियों के लिए एयरलाइन के संचालन निदेशक और प्रशिक्षण निदेशक को छह महीने के लिए निलंबित करने का आदेश दिया। पिछले साल अक्टूबर में डीजीसीए द्वारा चालक दल के प्रशिक्षण में कुछ खामियों के लिए एयरलाइन पर 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था।