भारत की बड़ी टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल के सीईओ सुनिल मित्तल ने स्विट्जरलैंड के दावोस में चल रहे वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के एक ईवेंट में वोडाफोन- आइडिया के भविष्य पर बड़ी बात कही। उन्होंने कंपनी की वर्तमान स्थिति पर चिंता जताई और कहा कि कंपनी को लंबे समय से बड़ी पूंजी की जरूरत है। पूंजी की कमी के चलते कंपनी अपना अस्तित्व खो रही है।
टेलीकॉम कारोबार में पिछड़ रही
देश में मौजूदा समय में एयरटेल, जियो और वोडाफोन-आइडिया तीन बड़ी टेलीकॉम कंपनी है। एयरटोल और जियो की ओर से 5G नेटवर्क शुरू कर दिया गया है, लेकिन अब तक वोडाफोन-आइडिया की ओर से 5G नेटवर्क शुरू नहीं किया गया है। इसके पीछे बड़ी वजह कंपनी के पास कम पूंजी का होना है।
बड़े निवेश की वोडाफोन-आइडिया को जरूरत
सुनिल भारती मित्तल ने आगे कहा कि वोडाफोन-आइडिया को ऐसे निवेशकों की आवश्यकता है, जो कंपनी के साथ लंबे समय तक टिक सके। कारोबार में बने रहने के लिए कंपनी को करीब 9 अरब डॉलर की पूंजी की आवश्यकता है, लेकिन कंपनी पिछले कुछ वर्षों में ऐसा नहीं कर सकी है। इस कारण अब मुझे कहते हुए दुख हो रहा है कि अब अस्तित्व नहीं है। आगे उन्होंने इंडस्ट्री पर कहा कि तीन निजी और एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी टेलीकॉम इंडस्ट्री के लिए आदर्श स्थिति है।
कंपनी पर 2 लाख करोड़ का कर्ज
वोडाफोन- आइडिया की एक बड़ी समस्या कंपनी पर बढ़ता कर्ज है। कंपनी के पास करीब 2.4 लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज है। कंपनी के यूजर्स की संख्या भी धीरे-धीरे घट रही है, जिससे कंपनी के सामने विकराल स्थिति खड़ी हो रही है। मौजूदा समय में वोडाफोन-आइडिया के पास 22 करोड़ के आसपास यूजर्स है।