एयरलाइन कंपनियों को नए साल में 1 अप्रैल से विदेशी यात्रियों की डिटेल भारतीय सीमा शुल्क अधिकारियों के साथ अनिवार्य तौर पर शेयर करना होगा। ऐसा न करने पर एयरलाइन पर मोटा जु्र्माना लगाया जाएगा। पीटीआई की खबर के मुताबिक, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) का कहना है कि भारत से/भारत के लिए फ्लाइट्स ऑपरेट करने वाले सभी एयरलाइन को इस जरूरत का अनुपालन करने के लिए 10 जनवरी, 2025 तक राष्ट्रीय सीमा शुल्क लक्ष्यीकरण केंद्र-यात्री (एनसीटीसी-पैक्स) के साथ रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
24 घंटे पहले जानकारी देनी होगी
खबर के मुताबिक, एयरलाइन कंपनियों को इंटरनेशनल डिपार्चर से 24 घंटे पहले पैसेंजर के मोबाइल नंबर, पेमेंट के तरीके से लेकर यात्रा कार्यक्र्म तक की डिटेल अधिकारियों को देनी होगी। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ने इस बारे में 8 अगस्त, 2022 को 'यात्री नाम रिकॉर्ड सूचना विनियमन, 2022' अधिसूचित किया था। इस पहल का मकसद अधिकारियों की पाबंदी से जुड़ी क्षमताओं के साथ-साथ यात्रियों के जोखिम विश्लेषण को बढ़ाना है।
क्या-क्या जानकारियां देनी होंगी
आने और जाने वाले दोनों इंटरनेशनल फ्लाइट्स के लिए एयरलाइन कंपनियों की तरफ से शेयर की गई जानकारी में यात्री का नाम, बिलिंग/भुगतान जानकारी (क्रेडिट कार्ड नंबर), टिकट जारी करने की तारीख और उसी पीएनआर से जुड़े दूसरे यात्रियों के नाम और यात्रा की विस्तृत डिटेल शामिल हैं। साथ ही ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर, ट्रैवल एजेंसी का विवरण, सामान की जानकारी और कोड शेयर जानकारी (जब एक एयरलाइन दूसरी एयरलाइन की फ्लाइट पर सीटें बेचती है) जैसे कॉन्टैक्ट डिटेल्स भी शेयर करना होगा।
कितना लगेगा जुर्माना
नए प्रावधान के लागू होने के बाद अगर किसी एयरलाइन ने इस नियम का पालन नहीं किया तो सीमा शुल्क विभाग, गैर-अनुपालन के हर कार्य के लिए 25,000 से 50,000 रुपये तक का जुर्माना लगा सकता है। विभाग की तरफ से यह भी कहा गया है कि अपेक्षित यात्री जानकारी इकट्ठा करने के लिए पीएनआरजीओवी सिस्टम को उन कुछ एयरलाइन कंपनियों के साथ पायलट बेसिस पर लागू किया जाएगा जिन्होंने इसमें शामिल होने की इच्छा जताई है। विभाग के मुताबिक, पायलट फेज 10 फरवरी, 2025 तक लागू होने वाला है। फिर व्यक्तिगत एयरलाइंस के लिए 1 अप्रैल, 2025 से और जीडीएस (वैश्विक वितरण प्रणाली) के जरिये संचालित होने का इरादा रखने वाली एयरलाइन के लिए 1 जून, 2025 से इसे पूरी तरह से लागू करने की योजना है।