Highlights
- बोइंग ने Google के सह-संस्थापक लैरी पेज द्वारा समर्थित एक इलेक्ट्रिक एविएशन स्टार्ट-अप विस्क एयरो के साथ हाथ मिलाया
- विस्क एयरो के साथ मिलकर बोइंग एयर टैक्सी बनाने पर 45 करोड़ डॉलर यानी करीब 3300 करोड़ रुपये निवेश करेगी
- बोइंग जो एयर टैक्सी बना रही है वह हेलीकॉप्टर की तरह होगी जो सीधे जमीन से हवा में जाएगी।
नई दिल्ली। दुनिया की सबसे बड़ी हवाई जहाज बनाने वाली कंपनी बोइंग ने अब एयर टैक्सी पर दांव लगाया है। कंपनी ने इसके लिए Google के सह-संस्थापक लैरी पेज द्वारा समर्थित एक इलेक्ट्रिक एविएशन स्टार्ट-अप विस्क एयरो के साथ हाथ मिलाया है। विस्क एयरो के साथ मिलकर बोइंग एयर टैक्सी बनाने पर 45 करोड़ डॉलर यानी करीब 3300 करोड़ रुपये निवेश करेगी। इस ज्वाइंट वेंचर के जरिये तीन से चार यात्रियों को ले जाने वाली कम कीमत की एयर टैक्सी बनाने की योजना है। एविएशन विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिन में बोइंग की यह पहल एयर टैक्सी के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने की काम करेगी। इससे न एयर टैक्सी की कीमत में बड़ी कमी आएगी बल्कि दुनियाभर को ट्रैफिक जाम से भी मुक्ति मिलेगी।
हेलीकॉप्टर के तरह सीधे जमीन से हवा में जाएगी विमान
बोइंग जो एयर टैक्सी बना रही है वह हेलीकॉप्टर की तरह होगी जो सीधे जमीन से हवा में जाएगी। यानी इसके लिए कोई रनवे की जरूरत नहीं होगी। यह छत या खुली जगह से अपनी सेवा दे पाएगी। कंपनी ने इसके लिए कई प्रोटोटाइप भी तैयार किए हैं।
एयर टैक्सी बनाने की होड़
दर्जनों स्टार्ट-अप कंपनियां उड़ने वाली मोटरबाइक और निजी एयर टैक्सी बनाने के लिए होड़ कर रही हैं। वेंचर पूंजीपति, ऑटो और विमानन कंपनियां (राइड शेयर कंपनी उबर भी) तेज़ी से बढ़ते उद्योग में अपना दखल बढ़ा रही हैं।
क्या है एयर टैक्सी
सड़क परिवहन में जाम की समस्या से पार पाने के लिए अमेरिका समेत कई देशों में आंशिक तौर पर एयर टैक्सी का इस्तेमाल हो रहा है। इस सेवा के तहत बेहद सीमित दूरी की उड़ानों के लिए अधिकतम 4-15 यात्री क्षमता वाले विमानों का उपयोग किया जाता है। ये छोटे और कई बार ड्रोन से कुछ ही बड़े विमान अमूमन पायलट-रहित होते हैं। ये बड़े भवनों की छतों से टेक ऑफ और लैंडिंग कर सकते हैं।
परिवहन का नया तरीका बनेगी एयर टैक्सी
विशेषज्ञों का कहना है कि एयर टैक्सी आने वाले समय में परिवहन का नया तरीका बनेगी। सरल शब्दों में कहें तो यह एयर टैक्सियां यात्रियों को आकाश में वैसे ही ले जा सकती हैं जैसे नियमित टैक्सियां जमीन पर करती हैं।