एयर प्यूरीफायर को एक जमाने में लक्जरी प्रोडक्ट माना जाता है, लेकिन बीते कुछ साल में एयर प्यूरीफायर आम जरूरत की चीज़ हो गई है। दिल्ली में हाल के दिनों में प्रदूषण ‘गंभीर’ स्तर पर पहुंच गया है। इसी के साथ ही दिल्ली के बाजारों में एयर प्यूरीफायर की बिक्री तेज हो गई है।
गंभीर स्तर पर पहुंचा प्रदूषण
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शुक्रवार को सुबह नौ बजकर 30 मिनट पर 426 था। एक्यूआई यदि 400 से अधिक हो, तो उसे ‘गंभीर’ माना जाता है और यह स्वस्थ लोगों की सेहत पर प्रतिकूल असर डाल सकता है और पहले से बीमार व्यक्तियों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।
दिवाली के बाद से बाजारों में बढ़ी मांग
राष्ट्रीय राजधानी में दिवाली के बाद से एयर प्यूरीफायर की मांग बढ़ी है। ओ2 क्योर के संस्थापक और जेको एयरकॉन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक कार्तिक सिंघल ने कहा, ‘‘भारत में वायु गुणवत्ता कई वजहों से बिगड़ रही है - शहरों में औद्योगिक विस्तार, जनसंख्या घनत्व, गलत कचरा प्रबंधन, फसल जलाना, वाहनों के इस्तेमाल में वृद्धि और कुछ प्राकृतिक कारण।’’
बाहर के साथ ही घर के भीतर भी प्रदूषण
घर के अंदर और बाहर, दोनों जगह वायु प्रदूषण बढ़ा है। उन्होंने कहा कि इस वजह से दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा जैसे प्रमुख शहरों के खरीदार घरों में इस्तेमाल होने वाले एयर प्यूरीफायर के बारे में अधिक जागरूक हो गए हैं। सिंघल ने कहा, ‘‘इससे एयर प्यूरीफायर की मांग बढ़ी है और पिछले कुछ हफ्तों के दौरान बिक्री में भारी उछाल आया है।’’
प्यूरीफायर के दाम भी घटे
दरियागंज ट्रेडर्स एसोसिएशन के सचिव और एक इलेक्ट्रॉनिक्स स्टोर के मालिक मनीष सेठ ने कहा, ‘‘एयर प्यूरीफायर के दाम भी कम हुए हैं। पहले 15,000 रुपये से 20,000 रुपये के बीच उपलब्ध होने वाले प्यूरीफायर अब 7,000 रुपये से 8,000 रुपये में मिल रहे हैं। दक्षिण दिल्ली के कुछ स्टोरों में बिक्री अधिक है। जंगपुरा में एटमो प्योर के मोहित सिंह ने कहा कि उनके स्टोर पर एयर प्यूरीफायर की कीमत 7,000 रुपये से 60,000 रुपये के बीच है।
7 तरह के एयर प्यूरिफायर
HEPA फिल्टर : एयर प्यूरीफायर के मामले में पहला है HEPA फिल्टर। यह फिल्टर 99.97% वायुजनित एलर्जी और प्रदूषकों को हटाने में सक्षम हैं। लेकिन जहां प्रदूषण का स्तर अधिक है वहां यह प्रभावी नहीं होता है, क्योंकि HEPA फिल्टर के मुकाबले धुएं, गैस और गंध के कण बहुत छोटे होते हैं। मोल्ड स्पोर्स जैसे प्रदूषक फिल्टर पर जमा हो सकते हैं, जिससे इसकी प्रभावशीलता कम हो जाती है।
यूवी फिल्टर : यूपी फिल्टर मोल्ड और कीटाणुओं जैसे सख्त प्रदूषकों को मारता है और असाधारण इनडोर वायु गुणवत्ता प्रदान करता है। लेकिन इसकी कीमत काफी अधिक होती है। वहीं यह धूल, धुएं और धुंध के खिलाफ अप्रभावी साबित होता है।
इलेक्ट्रोस्टैटिक फिल्टर : इलेक्ट्रोस्टैटिक फिल्टर की दो खूबियां है, पहला तो यह इसे दोबारा उपयोग किया जा सकता है। वहीं यह सस्ता भी पड़ता है। लेकिन सांस की समस्या वाले परिवार के लिए मददगार नहीं है। धूल के खिलाफ अप्रभावी साबित होता है।
वॉशेबल फिल्टर : वॉशेबल फिल्टर वाकई में वैल्यू फॉर मनी होते हैं। ये अत्यधिक टिकाऊ, अत्यधिक किफायती और कचरे को कम करने में मदद करता है। लेकिन इसे अधिक रखरखाव की जरूरत होती है। एक बार धोने के बाद, इसे पुन: उपयोग के लिए पूरी तरह से सूखना चाहिए।
मीडिया फ़िल्टर : यदि आप एक टिकाउ और झंझट रहित फिल्टर चाहते हैं तो इसका जवाब मीडिया फिल्टर है। यह अपने कम रखरखाव के लिए लोकप्रिय है। यह प्रदूषक तत्वों को रोकता है। लेकिन बदबू को दूर करने में यह प्रभावी नहीं है।
स्पन फिल्टर : बाजार में स्पन फिल्टर सबसे सस्ती कीमत पर उपलब्ध है। असाधारण रूप से यह पड़ की तरह काम करता है और धूल को भी अपने भीतर समेटता है। लेकिन छोटे प्रदूषकों को छानने में यह अप्रभावी है। अस्थमा और अन्य श्वसन संबंधी समस्याओं वाले लोगों के लिए यह अच्छा विकल्प नहीं है।
प्लीटेड फिल्टर : यह फिल्टर टिकाऊ, पर्यावरण के अनुकूल है और कचरे के निपटान के लिए सबसे अच्छा है। लेकिन किफायत पसंद भारतीयों को यह काफी महंगा महसूस होगा।