सरकारी हाथों से निकलकर टाटा के हाथों में गई एयर इंडिया (Air India) लगातार खुद को लाभ में लाने की कोशिशें कर रही है। इसी कोशिशों के बीच अब एयर इंडिया टैक्सीबोट (Air India Taxibot) का इस्तेमाल करने जा रही है। इस खास रोबोट की मदद से एयरइंडिया करीब 15000 हजार टन ईंधन के साथ लाखों रुपये की बचत करेगी। इन टैक्सीबोट को सबसे पहले दिल्ली और बेंगलुरू के हवाई अड्डों में उपयोग किया जाएगा।
तीन साल में 15000 टन फ्यूल की सेविंग
एयर इंडिया ने एक बयान में बताया कि इन टैक्सीबोट का इस्तेमाल कंपनी के ए320 विमान बेड़े के लिए किया जाएगा। माना जा रहा है कि टैक्सीबोट की मदद से एयर इंडिया को तीन साल में 15,000 टन तक विमान ईंधन बचाने में मदद मिलेगी।
क्या काम करता है टैक्सीबोट
विमानन कंपनी एयर इंडिया ने टैक्सीबोट का संचालन शुरू करने के लिए केएसयू एविएशन के साथ समझौता किया है। टैक्सीबोट एक तरह से रोबोटिक उपकरण है जो विमान के अगले हिस्से को लैंड करने में काम करता है। यह विमान के लैंड होने के बाद उसे एयरपोर्ट टर्मिनल दरवाजे से टैक्सी मिलने वाले स्थान तक खींचकर ले जाने का काम करता है। इस दौरान विमान का इंजन बंद होता है, जिससे ईंधन की बचत होती है।
कार्बन उत्सर्जन में आएगी कमी
एयर इंडिया की ओर से आधिकारिक बयान के अनुसार, “टैक्सीबोट अपनाने से तीन साल में लगभग 15,000 टन विमान ईंधन बचाया जा सकता है।” एयर इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक कैम्पबेल विल्सन ने कहा कि विमानन कंपनी परिचालन को पर्यावरण अनुकूल बनाने तथा अपने कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के तरीकों की लगातार तलाश कर रही है।