Highlights
- जल्द ही इच्छुक बोलीदाताओं से ईओआई आमंत्रित की जाएगी
- जनवरी में एयर इंडिया पूरी तरह टाटा को सौंप दी गई थी
- टाटा समूह ने 18,000 करोड़ रुपये में एयर इंडिया को खरीदा था
Air India: सरकार ने एयर इंडिया से अलग हुईं दो सहायक कंपनियों- एआईएएसएल और एआईईएसएल के निजीकरण की प्रक्रिया शुरू की है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने कहा, ''निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने एआईएएसएल और एआईईएसएल में निवेशकों की दिलचस्पी का पता लगाने के लिए बैठकें और रोड शो शुरू किए हैं। हम जल्द ही इच्छुक बोलीदाताओं से ईओआई आमंत्रित करेंगे।'' सरकार ने कर्ज में डूबी एयर इंडिया को पिछले साल अक्टूबर में टाटा समूह को 18,000 करोड़ रुपये में बेचा था। इस तरह जनवरी में एयर इंडिया पूरी तरह टाटा को सौंप दी गई।
दोनों कंपनियों की वैल्यूएशन 15,000 करोड़ रुपये
हालांकि, एयर इंडिया की चार सहायक कंपनियां - एयर इंडिया एयरपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड (एआईएएसएल), एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड (एआईईएसएल), एलायंस एयर एविएशन लिमिटेड (एएएएल) और होटल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एचसीआई) - इस सौदे का हिस्सा नहीं थीं। लगभग 15,000 करोड़ रुपये मूल्य की इन सहायक कंपनियों और गैर-प्रमुख संपत्तियों को एक एसपीवी - एयर इंडिया एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड (एआईएएचएल) में स्थानांतरित कर दिया गया है। सरकार ने तब कहा था कि इन सहायक कंपनियों और गैर-प्रमुख संपत्तियों बाद में बेचा जाएगा। इसी क्रम में दीपम ने एआईएएसएल और एआईईएसएल के निजीकरण के लिए निवेशक बैठकों का आयोजन किया।
एयर इंडिया ने अपने कायाकल्प की योजना बनाई
टाटा समूह की विमानन कंपनी एयर इंडिया ने अगले पांच साल में घरेलू विमानन बाजार में 30 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के साथ ही अपने अंतरराष्ट्रीय परिचालन को भी मजबूत करने की महत्वाकांक्षी योजना बनाई है। साल की शुरुआत में टाटा समूह के नियंत्रण में जा चुकी एयर इंडिया का कायाकल्प करने के लिए ‘विहानएआई’ नाम से एक समग्र योजना की घोषणा की गई। इसके जरिये अगले पांच वर्षों में एयरलाइन का पूरी तरह कायाकल्प करने का खाका तैयार किया गया है जिसमें घरेलू एवं विदेशी दोनों ही बाजारों पर जोर दिया जाएगा। इस योजना के तहत एयर इंडिया अपने बेड़े में 30 नए विमानों को भी शामिल करेगी। उसका जोर अपना नेटवर्क एवं विमान बेड़ा दोनों बढ़ाने पर रहेगा। इसके अलावा उपभोक्ताओं के संदर्भ में एयर इंडिया के रवैये को पूरी तरह बदलने, विश्वसनीयता और समय पर परिचालन बढ़ाने के साथ ही प्रौद्योगिकी एवं नवाचार के मामले में अग्रणी स्थान हासिल करने पर जोर रहेगा।