एयर इंडिया और विस्तारा के विलय से पहले एयर इंडिया के पायलटों का एक तबका टाटा समूह के स्वामित्व वाली दोनों एयरलाइंस के पायलटों के लिए सेवानिवृत्ति की अलग-अलग आयु सीमा को लेकर नाखुश है। सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि प्रबंधन ने अभी तक इस मुद्दे का समाधान नहीं किया है। विस्तारा का सोमवार को एयर इंडिया के साथ विलय हो जाएगा। वर्ष 2022 की शुरुआत में टाटा के स्वामित्व में आई एयर इंडिया के पायलटों एवं अन्य कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 58 वर्ष है। वहीं टाटा समूह की ही दूसरी एयरलाइन विस्तारा में यह सीमा 60 वर्ष है। सूत्रों ने कहा कि एयर इंडिया के पायलटों के एक वर्ग में नाराजगी बढ़ रही है, क्योंकि प्रबंधन ने अभी तक विलय के बाद बनी इकाई के लिए एकसमान सेवानिवृत्ति आयु तय नहीं की है।
मुद्दे का अभी तक समाधान नहीं हुआ
एयर इंडिया ने इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की। सूत्रों ने कहा, विस्तारा विलय से पहले एयर इंडिया के पायलटों के एक वर्ग में सेवानिवृत्ति की आयु सीमा को लेकर काफी नाराजगी है। नाम न बताने की शर्त पर एक सूत्र ने कहा कि प्रबंधन ने दो अलग-अलग सेवानिवृत्ति आयु सीमाओं के मुद्दे का अभी तक समाधान नहीं किया है। मौजूदा डीजीसीए नियमों के तहत एक पायलट 65 वर्ष की आयु तक सेवा में रह सकता है। एयर इंडिया ने इस साल अगस्त में कहा था कि वह चुनिंदा पायलटों को सेवानिवृत्ति के बाद पांच साल की अवधि के लिए अनुबंध के आधार पर बनाए रखेगी।
एयर इंडिया में करेगी 3,195 करोड़ का निवेश
सिंगापुर एयरलाइंस नवंबर में विस्तारा के विलय के बाद टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयर इंडिया में 3,194.5 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश करेगी। इस विलय समझौते की घोषणा 29 नवंबर, 2022 को की गई थी और यह 11 नवंबर, 2024 को पूरा होने जा रहा है। इस विलय की वजह से सिंगापुर एयरलाइंस के पास विस्तारित एयर इंडिया में 25.1 प्रतिशत हिस्सेदारी हो जाएगी। विस्तारा ने नौ जनवरी, 2015 को उड़ानों का परिचालन शुरू किया था। टाटा समूह के साथ स्थापित इस संयुक्त उद्यम में सिंगापुर एयरलाइंस की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है। सिंगापुर एयरलाइंस (एसआईए) समूह ने शुक्रवार को कहा कि विलय के लिए उसके विचार में विस्तारा में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी और विस्तारित एयर इंडिया में 25.1 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी के बदले में 2,058 करोड़ रुपये नकद शामिल हैं।