टाटा समूह की अगुवाई वाली एयर इंडिया एक्सप्रेस ने मई में बीमार होने की सूचना देकर छुट्टी पर जाने वाले लगभग 200 चालक दल के सदस्यों (क्रू मेंबर्स) के खिलाफ शुरू की गई जांच प्रक्रिया को टालने का फैसला किया है। इन कर्मचारियों के छुट्टी पर जाने के चलते एयरलाइन को बड़े पैमाने पर ऑपरेशनल अड़चनों का सामना करना पड़ा था। भाषा की खबर के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि बीते मंगलवार को यह फैसला किया गया। यह फैसला दिल्ली में चल रही सुलह प्रक्रिया के तहत केंद्रीय श्रम आयुक्त (केंद्रीय) द्वारा बुलाई गई बैठक में लिया गया।
श्रम विभाग के सामने दर्ज की गई थी शिकायत
खबर के मुताबिक, सूत्रों ने कहा कि मीटिंग में एयर इंडिया एक्सप्रेस कर्मचारी संघ (एआईएक्सईयू) के प्रतिनिधियों ने जून में लगभग 200 चालक दल के सदस्यों को आरोप पत्र जारी करने का उल्लेख किया और इसे वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि सुलह अधिकारी की सलाह पर एयरलाइन प्रबंधन के प्रतिनिधियों ने आरोप पत्र से संबंधित जांच प्रक्रिया को टालने पर सहमति जताई। एयरलाइन के चालक दल के एक वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाली एआईएक्सईयू ने पिछले साल श्रम विभाग के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी। यह यूनियन भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) से संबद्ध है।
आरोप-पत्र स्थगित रखे जाएंगे
बीएमएस के अखिल भारतीय सचिव गिरीश चंद्र आर्य ने बताया कि यह फैसला लिया गया है कि आरोप-पत्र स्थगित रखे जाएंगे और सुलह कार्यवाही चलने तक जांच प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। मंगलवार की बैठक में शामिल आर्य ने कहा कि जब सुलह कार्यवाही चल रही है, तो एयरलाइन के प्रबंधन को कोई जबरिया कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। मंगलवार की सुलह बैठक के बारे में एयर इंडिया एक्सप्रेस की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई। अगली सुलह बैठक 8 अगस्त को होगी। एयर इंडिया एक्सप्रेस के चालक दल के सदस्यों के संगठन ने पिछले दिनों एयरलाइन पर अनुचित श्रम व्यवहार का आरोप लगाया था।