टाटा ग्रुप के नियंत्रण वाली एयर इंडिया ने हाल में 180 से अधिक गैर-उड़ान कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से शुक्रवार को यह जानकारी दी। इसे लेकर एयरलाइन ने कहा कि छंटनी का शिकार लोग स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना और नए सिर से कौशल विकसित करने के अवसरों का इस्तेमाल नहीं कर पाए थे। बाकी, अन्य उड़ान संचालन से जुड़े कर्मचारियों पर इसका कोई असर नहीं होगा।
एयरलाइन के घाटे से बाहर निकालने की कोशिश
घाटे में चल रही एयर इंडिया को जनवरी, 2022 में टाटा समूह ने सरकार से अपने नियंत्रण में लिया था और उसके बाद से ही इसके कारोबारी मॉडल को पटरी पर लाने की कोशिशें की जा रही हैं। एयर इंडिया के एक प्रवक्ता ने कहा कि फिटमेंट प्रक्रिया के तहत गैर-उड़ान कार्यों में लगे कर्मचारियों को संगठनात्मक जरूरतों और व्यक्तिगत योग्यता के आधार पर भूमिकाएं सौंपी गई हैं।
प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि हालांकि हमारे कर्मचारी आधार के एक प्रतिशत से भी कम लोगों, जो स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति या कौशल विकास अवसरों का उपयोग करने में सक्षम नहीं हैं, को हमसे अलग होना है। हम इस प्रक्रिया के दौरान सभी संविदात्मक दायित्वों का सम्मान कर रहे हैं। हालांकि, एयरलाइन ने यह नहीं बताया कि कितने कर्मचारियों को निकाला गया है लेकिन सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि 180 से कुछ अधिक पुराने कर्मचारी इसकी चपेट में आए हैं। एयर इंडिया में लगभग 18,000 कर्मचारी कार्यरत हैं।
एयर इंडिया का हो रहा कायाकल्प
टाटा ग्रुप की ओर से एयर इंडिया के कायाकल्प को लेकर काम किया जा रहा है। ग्रुप द्वारा करीब 470 एयरोप्लेन का ऑर्डर दिया गया है। इस ऑर्डर की अनुमानित वैल्यू करीब 70 अरब डॉलर आंकी गई है।