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Zomato के बाद अब स्विगी से भी खाना मंगाना महंगा हुआ, कंपनी ने डिलीवरी शुल्क बढ़ाकर इतना किया

ऑनलाइन खाना ऑर्डर करने वालों के लिए बुरी खबर है। जोमैटो के बाद स्विगी ने भी चार्ज बढ़ा दिया है। इससे आपका बिल बढ़ जाएगा। त्योहारी सीजन में बड़ी संख्या में लोग ऑनलाइन खाना ऑर्डर देकर मंगाते हैं।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: October 16, 2023 16:34 IST
Swiggy - India TV Paisa
Photo:FILE स्विगी

ऑनलाइन खाना मंगाना और महंगा हो गया है। दरअसल, ऑनलाइन फूड डिलेवरी प्लेटफॉर्म स्विगी ने भी फूड ऑर्डर के लिए प्लेटफॉर्म शुल्क 2 रुपये से बढ़ाकर 3 रुपये कर दिया है। इस तरह एक झटके में 50 फीसदी की बड़ी बढ़ोतरी कर दी गई है। आपको बता दें कि इससे पहले जोमौटो ने भी अपने प्लेटफॉर्म शुल्क में इजाफा किया था। दोनों मुख्य ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी की ओर से चार्ज बढ़ाने का बोझ आम उपभोक्ता पर होगा। हाल के दिनों में ऑनलाइन खाना मंगाने वालों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई थी। इसके बाद ये कंपनियां कमाई बढ़ाने के लिए अपने चार्ज में बढ़ोतरी की है। 

प्लेटफॉर्म शुल्क केवल स्विगी की फूड डिलेवरी सेवा पर लागू

स्विगी के एक प्रवक्ता ने सोमवार को आईएएनएस को बताया कि प्लेटफॉर्म शुल्क पर कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं हुआ है। यह उद्योग में एक आम बात है। प्रवक्ता ने कहा, जिन शहरों में हम काम करते हैं उनमें से अधिकांश में प्लेटफॉर्म शुल्क अभी 3 रुपये है। फिलहाल, प्लेटफॉर्म शुल्क केवल स्विगी की फूड डिलेवरी सेवा पर लागू होता है, इंस्टामार्ट ऑर्डर पर नहीं। अप्रैल में, कंपनी ने कार्ट वैल्यू की परवाह किए बिना, प्रति ऑर्डर 2 रुपये का प्लेटफ़ॉर्म शुल्क पेश किया था। अगस्त में, स्विगी प्रतिद्वंद्वी ज़ोमैटो ने भी अपना प्लेटफॉर्म शुल्क शुरुआती 2 रुपये से बढ़ाकर 3 रुपये प्रति ऑर्डर कर दिया। जोमैटो ने ज़ोमैटो गोल्ड यूजर्स से प्लेटफ़ॉर्म शुल्क लेना शुरू कर दिया, जिन्हें पहले छूट दी गई थी।

8,000 से अधिक रेस्तरां मालिकों को लोन मिला

इस बीच, स्विगी ने अपने capital assistance program के तहत 8,000 से अधिक रेस्तरां मालिकों को 450 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण वितरण की सुविधा प्रदान की है। 2017 में लॉन्च किया गया, capital assistance program एक नायाब तरीका है जिसे वित्तपोषण अंतर को पाटने और रेस्तरां मालिकों को सशक्त बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि अब तक 8,000 से अधिक रेस्तरां ने लोन लिया है, जिनमें से 3,000 ने अकेले 2022 में ऋण लिया।

इनपुट: आईएएनएस 

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