टेक्नोलॉजी और आईटी कंपनियों के कर्मचारियों के अच्छे दिन खत्म हो गए हैं। एक के बाद एक बड़ी कंपनियां अपने कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा रहीं हैं। यानी छंटनी कर रही हैं। अब ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन, सोशल मीडिया कंपनी मेटा और ट्विटर के बाद आईटी कंपनी सिस्को अपने 4100 कर्मचारियों को बाहार का रास्ता दिखाने जा रही है। सिलिकॉन वैली बिजनेस जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार सिस्को में 83,000 कर्मचारी हैं, जिनमें से 4,100 कर्मचारियों की छंटनी होगी। यह कंपनी के कुल कर्मचारियों का लगभग 5 फीसदी है।
कंपनी की ओर से नहीं दी गई साफ जानकारी
सिस्को के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी चक रॉबिन्स ने अभी तक कंपनी के कर्मचारियों को बाहर निकालने पर कोई साफ जानकारी नहीं दी है। उन्होंने कहा कि वह कंपनी का बहुत अधिक विस्तार करने के इच्छा नहीं रखते हैं। जब तक हम कर्मचारियों से बात नहीं करते हैं तब तक छंटनी के बारे में कुछ कह नहीं सकता। हालांकि, उन्होंने कहा है कि कंपनी द्वारा लागत कम करने के लिए छंटनी नहीं की जा रही है बल्कि हम पुनर्संतुलन कर रहे हैं। हम ऐसे क्षेत्र की ओर देख रहे हैं जिसमें और अधिक निवेश किया जा सकता है। कंपनी द्वारा नए क्षेत्र में निवेश करने से बहुत से लोगों को नौकरियां मिलेंगी। यह संख्या नौकरी गंवाने वाले कर्मचारियों की संख्या से थोड़ी कम होगी।
दुनियाभर के इन कंपनियों में भयंकर छंटनी हुई
- ट्विटर: मास्क के मालिक बनने के बाद ट्विटर से 50 फीसदी कर्मचारियों को निकाला गया। एक अनुमान के मुताबिक करीब 3700 लोगों की छंटनी हुई।
- फेसबुक (मेटा): फेसबुक की पेरेंट कंपनी मेटा से करीब 11,000 कर्मचारियों की छंटनी।
- अमेजन: ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन से 10 हजार कर्मचारियों को बाहर किया जाएगा।
- नेटफ्लिक्स: ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स से 500 कर्मचारियों को निकाला गया।
क्यों हो रही है छंटनी
जानकारों का कहना है कि टेक कंपनियों में इंसानों की जगह रोबोट ले रहे हैं। दुनिया की ज्यादातर कंपनियां कई यूनिट में रोबोट का इस्तेमाल को बढ़ावा दे रही है। इससे इंसान की जरूरत कम हो रही है। यह छंटनी की बड़ी वजह बन रही है।