2020 में कोरोना महामारी दुनिया पर कहर बनकर टूटी थी। भारत सहित विश्व भर में करोड़ों लोग इस बीमारी की चपेट में आए और बहुत से लोगों को इसके चलते अपनी जान गंवानी पड़ी। इस मुश्किल दौर में हर किसी का एक मात्र सहारा कोरोना से सुरक्षा देने वाली वैक्सीन (Corona Vaccine) थी। अमेरिका और यूरोप जैसे धनी देशों के लिए महंगी वैक्सीन खरीदना कोई बड़ी समस्या नहीं थी। लेकिन भारत सहित दक्षिण एशिया और अफ्रीका के निर्धन देशों के लिए वैक्सीन किसी ख्वाज से कम नहीं थी। इस मुश्किल दौर में पुणे स्थिति सीरम इंस्टीट्यूट ने किसी करिश्मे की तरह न सिर्फ जल्द से जल्द वैक्सीन (Covishield) तैयार की, वहीं भारत सहित दुनिया के गरीब देशों को किफायती दाम में उपलब्ध भी कराई।
अब इसी सीरम इंस्टीट्यूट के नाम एक बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है। आदार पूनावाला का सीरम इंस्टीट्यूट शेयर बाजार में गैर लिस्टेड सबसे मूल्यवान कंपनी बन गई है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) को 1.92 लाख करोड़ के मूल्यांकन के साथ भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी में शामिल किया गया है। मंगलवार को जारी बरगंडी प्राइवेट-हुरुन इंडिया 500 सूची में रिलायंस 16.4 लाख करोड़ रुपये के मूल्यांकन के साथ सबसे आगे रही है।
सीरम ने NSE को भी पीछे छोड़ा
टीका निर्माता सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया को 1.92 लाख करोड़ रुपये मूल्यांकन के साथ देश की सबसे मूल्यवान गैर-सूचीबद्ध कंपनी आंका गया है। सीरम ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को भी पीछे छोड़ दिया जो 1.65 लाख करोड़ रुपये मूल्य के साथ दूसरे स्थान पर रहा। वहीं 69,100 करोड़ रुपये मूल्यांकन के साथ बायजू तीसरी बड़ी गैर-सूचीबद्ध कंपनी रही। यह सूची 30 अक्टूबर, 2022 से 30 अप्रैल, 2023 के बीच शीर्ष 500 भारतीय कंपनियों के मूल्यांकन में आए बदलाव को दर्ज करती है। यह भारत में गैर-सरकारी क्षेत्र की शीर्ष 500 मूल्यवान कंपनियों की सूची है।
1966 में रखी गई थी सीरम इंस्टीट्यूट की नींव
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इण्डिया टीके सहित प्रतिरक्षात्मक दवाओं की दुनिया की एक प्रमुख निर्माता है। इसकी स्थापना 1966 में साइरस पूनावाला ने की थी। कम्पनी होल्डिंग कम्पनी पूनावाला इन्वेस्टमेण्ट एण्ड इण्डस्ट्रीज़ की एक सहायक कम्पनी है। यह कम्पनी दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन उत्पादक है। कम्पनी प्रत्येक वर्ष लगभग 1.3 अरब वैक्सीन का उत्पादन करती है।
लिस्ट में रिलायंस का दबदबा
अरबपति उद्योपगति मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को हुरुन इंडिया की सूची में देश की सबसे मूल्यवान निजी कंपनी चुना गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, रिलायंस 16,297 करोड़ रुपये भुगतान के साथ सर्वाधिक टैक्स देने वाली कंपनी भी रही। हालांकि रिपोर्ट कहती है कि इन छह महीनों में रिलायंस का मूल्यांकन 5.1 फीसदी यानी 87,731 करोड़ रुपये घट गया। वित्त वर्ष 2022-23 में यह 67,845 करोड़ रुपये का लाभ कमाने के साथ सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाली कंपनी भी रही। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) 11.8 लाख करोड़ रुपये मूल्यांकन के साथ दूसरे स्थान पर रही जबकि एचडीएफसी बैंक 9.4 लाख करोड़ रुपये के साथ तीसरे स्थान पर रहा।
बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500-विशेष रिपोर्ट के 5 मुख्य बिंदु
- भारत की शीर्ष 10 कंपनियों के पास ₹71.5 लाख करोड़ हैं, जो सकल घरेलू उत्पाद का 37% है। उनमें से 7 का मुख्यालय मुंबई में है।
- भारत की सबसे मूल्यवान गैर-सूचीबद्ध कंपनी बनने के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को पीछे छोड़ दिया।
- जिंदल स्टेनलेस, लॉयड्स मेटल्स एंड एनर्जी, और फिनोलेक्स केबल्स 2022 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 में वृद्धि का नेतृत्व करते हैं।
- बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 में क्रमशः 72 और 60 कंपनियों के साथ वित्तीय सेवाएं और स्वास्थ्य सेवा का दबदबा है।
- बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 में वित्तीय सेवाएं, सॉफ्टवेयर और सेवाएं और स्वास्थ्य सेवा का सबसे अधिक योगदान है।