रसोई की महंगाई के मोर्चे पर आम लोगों के लिए राहत भरी खबर है। रसोई में यूज आने वाले रिफाइंड तेल की कीमतों में कटौती की गई है। देश की प्रमुख एफएमसीजी फर्म अडाणी विल्मर ने आयात शुल्क कटौती के सरकार के फैसले के बाद शनिवार को अपने तेलों की कीमतों में कटौती कर दी है। कंपनी ने तेल में प्रति लीटर 10 रुपये की कमी की है। बता दें कि इससे पहले धारा ने कीमतों में कटौती की थी।
तेल | पहले | अब |
फॉर्च्यून रिफाइंड सनफ्लावर तेल (एक लीटर) | 220 रुपये | 210 रुपये |
फॉर्च्यून सोयाबीन का तेल (एक लीटर) | 205 रुपये | 195 रुपये |
फॉर्च्यून सरसों का तेल (एक लीटर) | 205 रुपये | 195 रुपये |
कंपनी का बयान
कंपनी ने कहा कि तेल की कीमतों में यह कमी केंद्र सरकार द्वारा खाद्य तेलों पर आयात शुल्क कम करने के चलते हुई है। अडाणी विल्मर के प्रबंध निदेशक और सीईओ अंगशु मलिक ने कहा, ‘‘हम अपने ग्राहकों को कम लागत का फायदा दे रहे हैं, हमें विश्वास है कि कम कीमतों से मांग को भी बढ़ावा मिलेगा।’’
धारा के तेल हुए 15 रुपये सस्ते
इस बीच मशहूर ब्रांड धारा ने सरसों, सूरजमुखी और सोयाबीन तेल की कीमतों में कटौती की घोषणा की है। बता दें कि धारा दिल्ली-एनसीआर की डेयरी कंपनी मदर डेयरी का ब्रांड है। धारा तेल की कीमतों में तेल की कीमतों में 15 रुपये प्रति लीटर तक की कमी की गई है। मदर डेयरी ने कहा है कि वैश्विक बाजारों में खाद्य तेलों के दाम नीचे आए हैं। इसी के मद्देनजर उसने यह कदम उठाया है।
60 प्रतिशत तेल इंपोर्ट करता है भारत
अंतरराष्ट्रीय बाजार में उच्च दरों के कारण पिछले एक साल से खाद्य तेल की कीमतें बहुत ऊंचे स्तर पर बनी हुई हैं। घरेलू मांग को पूरा करने के लिए भारत सालाना लगभग 1.3 करोड़ टन खाद्य तेलों का इंपोर्ट करता है। खाद्य तेलों के लिए देश की इंपोर्ट पर निर्भरता 60 प्रतिशत की है।