हिंडनबर्ग के आरोपों की मार झेल रहे अडानी समूह ने एक बड़ा फैसला किया है। समूह ने अपनी चार सूचीबद्ध कंपनियों में अल्पांश हिस्सेदारी अमेरिकी संपत्ति प्रबंधक कंपनी जीक्यूजी पार्टनर्स को 15,446 करोड़ रुपये में बेच दी है। समूह ने एक बयान में कहा कि अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (एपीसेज), अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल), अडाणी ट्रांसमिशन लिमिटेड (एटीएल) और अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) के शेयर बाजार में बेचे गए।
बयान के मुताबिक इस निवेश के साथ जीक्यूजी भारतीय बुनियादी ढांचे के विकास और वृद्धि में एक प्रमुख निवेशक बन गया है। अडाणी समूह के सीएफओ जुगशिंदर सिंह (रॉबी) ने कहा कि जीक्यूजी के साथ सौदा संचालन व्यवस्था, प्रबंधन गतिविधियों और अडाणी कंपनियों में वैश्विक निवेशकों के लगातार भरोसे को दर्शाता है।
कर्ज चुकाने के लिए उठाया कदम
अडाणी समूह पर 2.21 लाख करोड़ रुपये का कुल ऋण है, जिसका लगभग आठ प्रतिशत अगले वित्त वर्ष के अंत तक चुकाना है। एईएल में बिक्री से पहले प्रवर्तकों की 72.6 प्रतिशत हिस्सेदारी थी और इसमें 3.8 करोड़ शेयर या 3.39 प्रतिशत हिस्सेदारी 5,460 करोड़ रुपये में बेची गई। एपीसेज में प्रवर्तकों की 66 प्रतिशत हिस्सेदारी थी और इसमें 8.8 करोड़ शेयर या 4.1 प्रतिशत हिस्सेदारी 5,282 करोड़ रुपये में बेची गई। एटीएल में प्रवर्तकों की 73.9 फीसदी हिस्सेदारी थी और इसमें 2.8 करोड़ शेयर या 2.5 फीसदी हिस्सेदारी 1,898 करोड़ रुपये में बेची गई। जीईएल में प्रवर्तकों की 60.5 प्रतिशत हिस्सेदारी थी और इसमें 5.5 करोड़ शेयर या 3.5 प्रतिशत हिस्सेदारी 2,806 करोड़ रुपये में बेची गई।
अडाणी समूह की सभी कंपनियां बढ़त में
अडाणी समूह की सभी 10 सूचीबद्ध कंपनियों ने बृहस्पतिवार को बढ़त जारी रखी और कंपनियों के शेयर लाभ में बंद हुए। अडाणी ट्रांसमिशन के शेयर पांच प्रतिशत, अडाणी ग्रीन एनर्जी के शेयर 4.99 प्रतिशत, अडाणी विल्मर के शेयर 4.99 प्रतिशत और अडाणी पावर के शेयर 4.98 प्रतिशत बढ़त में बंद हुए। इसके अलावा एनडीटीवी के शेयर 4.96 प्रतिशत, अंबुजा सीमेंट के शेयर 4.94 प्रतिशत और अडाणी टोटल गैस के शेयर 4.41 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुए। अडाणी पोर्ट्स के शेयर 3.50 प्रतिशत, अडाणी एंटरप्राइजेज के शेयर 2.69 प्रतिशत और एसीसी के शेयर 1.50 प्रतिशत बढ़े। शेयर बाजार पर सूचीबद्ध समूह की सभी 10 कंपनियों का संयुक्त पूंजीकरण बृहस्पतिवार को कारोबार खत्म होने पर 7.86 लाख करोड़ रुपये था।