हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद कर्ज को लेकर संकट झेल रहे अडानी समूह (Adani Group) को अपनी भविष्य की योजनाओं के लिए पैसों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच अरबपति उद्योगपति गौतम अडानी (Gautam Adani) ने समूह की तीन कंपनियों में हिस्सेदारी बेचकर 1.38 अरब डॉलर (11,330 करोड़ रुपये) जुटाए हैं। इस तरह पिछले चार साल में अडाणी समूह नौ अरब डॉलर से अधिक की राशि जुटा चुका है और उसने विभिन्न क्षेत्रों के निवेशकों को आकर्षित किया है।
इन तीन कंपनियों में बची हिस्सेदारी
अडाणी परिवार ने तीन पोर्टफोलियो कंपनियों - अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड, अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और अडाणी ट्रांसमिशन लिमिटेड में हिस्सेदारी बिक्री के जरिये 1.38 अरब डॉलर (11,330 करोड़ रुपये) जुटाए हैं। यह अगले एक से डेढ़ साल के दौरान समूह के लिए पूंजी की ऊंची उपलब्धता सुनिश्चित करेगा और साथ ही पोर्टफोलियो कंपनियों के लिए ऋण और इक्विटी की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में मदद करेगा। इसके अतिरिक्त तीन पोर्टफोलियो कंपनियों को निवेशकों को शेयर बिक्री के माध्यम से प्राथमिक निर्गम के लिए निदेशक मंडल की मंजूरी भी मिल गई है।
4 साल में इन कंपनियों से जुटाए 9 अरब डॉलर
समूह चार साल की छोटी अवधि में नौ अरब डॉलर से अधिक की राशि जुटा चुका है। समूह ने विभिन्न सूचीबद्ध इकाइयों अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन, अडाणी ग्रीन एनर्जी लि., अडाणी ट्रांसमिशन लि., अडाणी टोटल गैस लि.और अडाणी एंटरप्राइजेज लि.में निवेश आकर्षित किया है। समूह ने एक बयान में कहा, ‘‘समूह परिवर्तनकारी पूंजी प्रबंधन कार्यक्रम की 10 साल की रूपरेखा को पूरा करने के लिए पूंजी जुटाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह कार्यक्रम 2016 में विभिन्न पोर्टफोलियो कंपनियों की योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए शुरू किया गया था।’’
हिंडनबर्ग के झटके से उबरने की कवायद
अमेरिका की एक शोध एवं कंपनी की रिपोर्ट के बाद समूह की कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में भारी गिरावट आई थी। समूह अब इन आरोपों से उबर वापसी की रणनीति पर काम कर रहा है। समूह की प्रमुख कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने निवेशकों को शेयर बिक्री के माध्यम से 12,500 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है, जबकि बिजली पारेषण कंपनी अडाणी ट्रांसमिशन 8,500 करोड़ रुपये जुटाएगी। इसकी नवीकरणीय ऊर्जा इकाई 12,300 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है।
जनवरी में वापस लेना पड़ा था एफपीओ
अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अडाणी एंटरप्राइजेज को अपना 20,000 करोड़ रुपये का अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) वापस लेना पड़ा था। हालांकि, इस पेशकश को पूर्ण अभिदान मिल गया था, लेकिन कंपनी ने निवेशकों का पैसा वापस कर दिया था। अमेरिकी शॉर्ट-सेलर ने जनवरी में जारी रिपोर्ट में अडाणी समूह पर लेखा धोखाधड़ी और शेयर मूल्य में हेराफेरी का आरोप लगाया था। हालांकि, अडाणी समूह ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था।