अडानी ग्रुप की ओर से बुरी खबरों का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है। 2022 तक देश में सबसे तेजी से विस्तार कर रहा समूह अब अपनी पुरानी खरीद को पूरा करने में भी विफल हो रहा है। कंपनी ने शेयर बाजार को सूचना दी है कि अडाानी पावर लिमिटेड 7,017 करोड़ रुपये में डीबी पावर की ताप बिजली परिसंपत्तियों को खरीदने का सौदा पूरा करने में विफल रही है। भारी कर्ज के तले दबी कंपनी ने इससे पहले कहा था कि उसके पास कैश की कमी नहीं है। लेकिन डीबी पावर की डील पूरी न होने के चलते एक बार फिर कंपनी पर सवाल उठने लगे हैं।
अडानी पावर ने बुधवार को शेयर बाजार को बताया, ''हम सूचित करना चाहते हैं कि 18 अगस्त 2022 को हुए सहमति पत्र के तहत अंतिम तारीख बीत गई है।'' अडानी पावर ने इससे पहले अगस्त 2022 में बताया था कि उसने डीबी पावर लिमिटेड के अधिग्रहण के लिए समझौता किया है। कंपनी के पास छत्तीसगढ़ में 1200 मेगावाट क्षमता का एक ताप बिजली संयंत्र है। सौदे की मौजूदा स्थिति के बारे में पूछे गए सवालों का खबर लिखे जाने तक अडानी पावर ने कोई जवाब नहीं दिया था।
शेयर बाजार ने खुलते ही शुरू की तुफानी पारी, सेंसेक्स और निफ्टी में रिकॉर्ड उछाल
गौरतलब है कि अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए हैं। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को संसद में भी उठाया, और संयुक्त संसदीय समिति से जांच की मांग की। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडानी समूह के शेयरों में तेज गिरावट हुई। डीबी पावर के अधिग्रहण के लिए शुरुआती एमओयू 31 अक्टूबर 2022 में हुआ था। इसके बाद सौदा पूरा करने की अंतिम तारीख को चार बार बढ़ाया जा चुका है।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में कोहराम मचा है। ग्रुप के मार्केट कैप में 120 अरब डॉलर से अधिक गिरावट आई है। कई कंपनियों के शेयर 52 हफ्ते के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई है। ग्रुप को अपनी फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) का एफपीओ (FPO) वापस लेना पड़ा।