अहमदाबाद। अडाणी समूह की कंपनी अदानी पोर्ट पश्चिम बंगाल के हल्दिया पोर्ट की क्षमता विस्तार करने जा रही है। इसके तहत हल्दिया पोर्ट के बर्थ नं. 2 को मैकेनाइज किया जाएगा। इसी साल फरवरी में एसएमपीके ने एपीएसईजेड को सफल दावेदार के रूप में चुना था।
कंपनी ने की ये घोषणा
अदाणी पोर्ट्स की सब्सिडियरी एचडीसी बल्क टर्मिनल लिमिटेड (एचबीटीएल) और भारत की सबसे बड़ी इंटीग्रेटेड ट्रांसपोर्ट यूटिलिटी कंपनी और अदाणी समूह की कंपनी, स्पेशल इकोनोमिक जोन लिमिटेड (एपीएसईजेड) ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट कोलकाता (एसएमपीके) के साथ बर्थ नं. 2 हल्दिया पोर्ट के मैकेनाइजेशन के लिए रियायत समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
पश्चिम बंगाल में अपनी उपस्थिति बढ़ाएगा अदाणी समूह
एपीएसईजेड के सीईओ और पूर्णकालिक निदेशक श्री करण अदाणी ने कहा, ’हल्दिया बल्क टर्मिनल का मशीनीकरण और विकास के साथ अदाणी समूह को बंगाल में अपनी उपस्थिति बढ़ाने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि हम बंगाल में लगातार उद्योगों और अर्थव्यवस्था के विकास में तेजी लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस पूरी तरह से मशीनीकृत सुविधा के साथ, हमारा लक्ष्य बंदरगाह संचालन और पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में एक उच्च बेंचमार्क स्थापित करना है।
पूर्वी भारत में मिलेंगे बेहतरीन पोर्ट
अदाणी समूह ने कहा है कि यह टर्मिनल, भारत के पूर्वी तट पर विश्वस्तरीय बंदरगाहों और टर्मिनलों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह समझौता इंटीग्रेटेड लॉजिस्टिक्स में एचबीटीएल की दक्षता में उल्लेखनीय वृद्धि करेगा और शिपिंग उद्योग को लाभ पहुंचाएगा। परियोजना की अनुमानित लागत 298 करोड़ रुपये है। परियोजना को पहले ही आवश्यक पर्यावरण मंजूरी मिल चुकी है।
बढ़ेंगी हल्दिया पोर्ट पर सुविधाएं
एसएमपीके और एचबीटीएल के बीच हुए इस समझौते के अनुसार, प्रोजेक्ट के लिए स्पेशल पर्पज व्हीकल को 3.74 मिलियन टन प्रति क्षमता वाले बल्क टर्मिनल के डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन, रखरखाव और प्रबंधन के अधिकार मिलेंगे। हल्दिया डॉक कॉम्प्लेक्स में एसएमपीके के दायरे में हल्दिया में विभिन्न थोक हैंडलिंग सुविधाएं भी शामिल हैं।
पूर्वी भारत सहित नेपाल तक को मिलेगा फायदा
हल्दिया डॉक कॉम्प्लेक्स से भारत के पूर्वी हिस्से में कारोबार को काफी लाभ पहुंचेगा। यह पोर्ट बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, असम, उत्तरपूर्वी पहाड़ी राज्यों और पड़ोसी देश नेपाल सहित एक बड़े इलाके की कारोबारी गतिविधि का एक प्रमुख केंद्र बनेगा। इस पोर्ट से इस्पात संयंत्रों, बिजली संयंत्रों और सीमेंट संयंत्रों में कच्चे माल की आपूर्ति श्रृंखला को काफी मदद मिलेगी।