Highlights
- अडानी पोर्ट्स ने अपने पहले तिमाही में हुई कमाई का जारी किया ब्यौरा
- बीते वर्ष के समान तिमाही में कमाई थी 5,073 करोड़ रुपये
- पहली तिमाही का लाभ 16.86 प्रतिशत घटकर 1,091.56 करोड़ रुपये
Adani Ports: अडानी पोर्ट्स ने अपने पहले तिमाही में हुई कमाई का ब्यौरा जारी कर दिया है। कंपनी को इस तिमाही में नुकसान उठाना पड़ा है। अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन (APSEZ) का चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही का लाभ 16.86 प्रतिशत घटकर 1,091.56 करोड़ रुपये रह गया है। एपीएसईजेड ने सोमवार को शेयर बाजार को भेजी सूचना में यह जानकारी दी।
बीते वर्ष के समान तिमाही में कमाई थी 5,073 करोड़ रुपये
इससे पिछले वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी ने 1,312.9 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। कंपनी की कुल आय 2022-23 की जून तिमाही में बढ़कर 5,099.25 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में 5,073 करोड़ रुपये थी। इसके अलावा कंपनी का कुल खर्च भी आलोच्य तिमाही में बढ़कर 4,174.24 करोड़ रुपये हो गया। एक साल पहले की इसी अवधि में यह 3,660.28 करोड़ रुपये था।
एनर्जी के क्षेत्र में भी कंपनी कर रही है काम
कुछ दिन पहले अडानी ग्रुप ने एनर्जी के क्षेत्र में भी काम शुरु किया था। जिसके तहत राजस्थान में 390 मेगावाट के पवन-सौर हाइब्रिड पावर प्लांट ने उत्पादन शुरू किया गया था। जैसलमेर में स्थापित यह संयंत्र भारत में अब तक का पहला पवन और सौर हाइब्रिड बिजली उत्पादन संयंत्र है। सौर और पवन ऊर्जा उत्पादन के माध्यम से एकीकृत हाइब्रिड पावर प्लांट, अक्षय ऊर्जा की पूरी क्षमता का उपयोग करता है और बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करने के लिए एक अधिक विश्वसनीय समाधान प्रदान करता है।
अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के एमडी और सीईओ श्री विनीत एस जैन ने कहा, "विंड-सौर हाइब्रिड ऊर्जा हमारी व्यावसायिक रणनीति का एक महत्वपूर्ण पहलू है, जिसका उद्देश्य भारत की हरित ऊर्जा की बढ़ती जरूरत को पूरा करना है।" भारत के सतत ऊर्जा लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
SECI के साथ करार
नए संयंत्र का सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसईसीआई) के साथ बिजली खरीद समझौता (पीपीए) है, जिसमें टैरिफ 2.69 रुपये प्रति kWh है, जो कि राष्ट्रीय स्तर पर औसत बिजली खरीद लागत (APPC) से काफी कम। इस संयंत्र के सफलतापूर्वक चालू होने के साथ, एजीईएल की अब परिचालन क्षमता 5.8 गीगावाट हो गई है।