अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन (APSEZ ) ने कुल तीन करोड़ डॉलर में म्यांमार बंदरगाह की बिक्री का सौदा पूरा कर लिया है। कंपनी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। APSEZ ने मई, 2022 में म्यांमार बंदरगाह की बिक्री के लिए शेयर खरीद करार (एसपीए) की घोषणा की थी। एसपीए में परियोजना को पूरा करने और खरीदार को कारोबार करने के लिए सुगमता से जरूरी मंजूरियों जैसी शर्तें शामिल थीं।
APSEZ ने बयान में कहा कि मंजूरी प्रक्रिया में देरी और कुछ शर्तों को पूरा करने की चुनौती के मद्देनजर एपीएसईजेड ने इसके लिए ‘जहां है, जैसा है’ के आधार पर स्वतंत्र मूल्यांकन हासिल किया था। कंपनी ने कहा कि इसके बाद इस सौद पर नए सिरे से बातचीत हुई। यह सौदा तीन करोड़ डॉलर में हुआ है।
बयान में कहा गया है कि खरीदार द्वारा कंपनी को सभी जरूरी अनुपालन पूरा करने के तीन कारोबारी दिन में इस राशि का भुगतान किया जाएगा। सौदे की पूरी राशि मिलने के बाद एपीएसईजेड खरीदार को इक्विटी का हस्तांतरण करेगी और इससे बाहर निकल जाएगी।
APSEZ के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) करण अडाणी ने कहा कि जोखिम समिति ने अक्टूबर, 2021 में जो सिफारिशें दी थीं उनके आधार पर कंपनी के निदेशक मंडल ने इस तरह का कदम उठाने की अनुमति दी थी। यह परियोजना उस समय विवादों के घेरे में आ गई थी जब करण अडाणी के वरिष्ठ जनरल म्यामार सेना के प्रमुख मिन आंग हलिंग से मिलने की खबरें आई थीं।
हलिंग ने म्यांमार की चुनी हुई सरकार का तख्तापलट किया था। अगस्त, 2021 में APSEZ ने कहा था कि म्यांमार बंदरगाह में उसका निवेश अमेरिकी वित्त विभाग के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय द्वारा जारी प्रतिबंध दिशानिर्देशों का उल्लंघन नहीं करता है। अडाणी समूह की इकाई एपीएसईजेड देश की सबसे बड़ी बंदरगाह विकास कंपनी है।