Friday, January 10, 2025
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Adani Wilmar में OFS के जरिए 20% हिस्सेदारी बेचेगा अडानी ग्रुप, जानिए क्या होगी एक शेयर की कीमत

अडानी ने कंपनी से बाहर निकलने की घोषणा की है। विल्मर फॉर्च्यून ब्रांड का खाद्य तेल, गेहूं का आटा और अन्य खाद्य उत्पाद बनाती है। घोषणा के अनुसार, अडानी द्वारा विल्मर को 40.37 करोड़ शेयर (31.06 प्रतिशत हिस्सेदारी) अधिकतम 305 रुपये प्रति शेयर के मूल्य पर बेचे जाएंगे।

Edited By: Pawan Jayaswal
Published : Jan 10, 2025 7:24 IST, Updated : Jan 10, 2025 7:26 IST
अडानी ग्रुप
Photo:FILE अडानी ग्रुप

अडानी ग्रुप ओपन मार्केट में रोजमर्रा के उपभोग का सामान बनाने वाली (FMCG) कंपनी अडानी विल्मर में 20 फीसदी तक हिस्सेदारी बेचकर 7,148 करोड़ रुपये जुटाएगा। यह कदम ग्रुप की इंफ्रास्ट्रक्चर बिजनेस पर ध्यान केंद्रित करने के लिए गैर-प्रमुख कारोबार से बाहर निकलने की रणनीति का हिस्सा है। कंपनी द्वारा शेयर बाजार को दी गई सूचना के अनुसार, ग्रुप 10 जनवरी को (गैर-खुदरा निवेशकों को) और 13 जनवरी को (खुदरा निवेशकों को) 275 रुपये प्रति शेयर के न्यूनतम मूल्य पर कंपनी में 17.54 करोड़ शेयर (13.50 प्रतिशत इक्विटी) बेचेगा।

पिछले महीने कर दी थी घोषणा

समूह ने पिछले महीने अपनी अधिकांश हिस्सेदारी एक संयुक्त उद्यम साझेदार को बेचकर अडानी विल्मर से बाहर निकलने की घोषणा की थी। बिक्री पेशकश (ओएफएस) में 8.44 करोड़ शेयर या 6.50 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी अतिरिक्त रूप से बेचने का विकल्प शामिल होगा। यह बंदरगाह से लेकर बिजली तक के कारोबार से जुड़े इस समूह के संयुक्त उद्यम से बाहर निकलने का पहला चरण है, जिसमें इसकी 43.94 प्रतिशत हिस्सेदारी है। दूसरे चरण में सिंगापुर की विल्मर इंटरनेशनल लिमिटेड ने शेष हिस्सेदारी 305 रुपये प्रति शेयर से अधिक कीमत पर खरीदने पर सहमति जताई है।

किस भाव पर बेचे जाएंगे शेयर?

अडानी ने कंपनी से बाहर निकलने की घोषणा की है। विल्मर फॉर्च्यून ब्रांड का खाद्य तेल, गेहूं का आटा और अन्य खाद्य उत्पाद बनाती है। घोषणा के अनुसार, अडानी द्वारा विल्मर को 40.37 करोड़ शेयर (31.06 प्रतिशत हिस्सेदारी) अधिकतम 305 रुपये प्रति शेयर के मूल्य पर बेचे जाएंगे। विल्मर को बेचे जाने वाले शेयरों की संख्या ओएफएस की प्रतिक्रिया पर निर्भर करेगी। कुल मिलाकर, अडानी को इस निकासी से दो अरब डॉलर (लगभग 17,100 करोड़ रुपये) से अधिक की राशि मिलने की उम्मीद है। इस सौदे के 31 मार्च, 2025 तक पूरा होने की संभावना है।

कितनी है हिस्सेदारी

हिस्सेदारी बिक्री से प्राप्त राशि का उपयोग अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर बिजनेस की वृद्धि को गति देने के लिए किया जाएगा। अडानी विल्मर लिमिटेड अडानी ग्रुप और सिंगापुर बेस्ड कमोडिटी कारोबारी विल्मर के बीच एक समान जॉइंट वेंचर है। दोनों भागीदारों के पास वर्तमान में अदाणी विल्मर में संयुक्त रूप से 87.87 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जो अधिकतम स्वीकार्य 75 प्रतिशत से कहीं अधिक है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के नियमों के अनुसार बड़ी कंपनियों को सूचीबद्ध होने के तीन वर्ष के भीतर कम से कम 25 प्रतिशत सार्वजनिक शेयरधारिता हासिल करने की जरूरत होती है।

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