अमेरिका की शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अडाणी ग्रुप की कंपनियों में जबरदस्त बिकवाली देखने को मिली है। इसके चलते अडाणी ग्रुप के मार्केट कैप में करीब 9 लाख करोड़ रुपये से अधिक की गिरावट आई है। इस बीच अडाणी ग्रुप के लिए राहत भरी खबर आई है। अडाणी ग्रुप की दो कंपनियों ने इस संकट के समय में शानदार रिजल्ट पेश किए हैं। अडाणी ग्रीन एनर्जी और अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन ने आज रिजल्ट जारी किए हैं। दोनों कंपनियों ने मजबूत तिमाही परिणाम दिए हैं। इसका फायदा इन दोनों कंपनियों को होगा। निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा और शेयरों में जारी बिकवाली रुकेगी। आपको बता दें कि कई दिन बाद आज अडाणी ग्रुप की कई कंपनियों के शेयर में तेजी दर्ज की गई और हरे निशान में बंद होने में वो कामयाब रहें।
अडाणी ग्रीन का मुनाफा दोगुना बढ़ा
अडाणी समूह की कंपनी अडाणी ग्रीन एनर्जी का चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही का शुद्ध लाभ दोगुना से अधिक होकर 103 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। कंपनी ने मंगलवार को बीएसई को दी सूचना में कहा कि अक्टूबर-दिसंबर, 2022 की तिमाही में आमदनी बढ़ने से उसके लाभ में बढ़ोतरी हुई है। एक साल पहले की समान तिमाही में उसका एकीकृत लाभ 49 करोड़ रुपये रहा था। आलोच्य अवधि में कंपनी की कुल आय बढ़कर 2,258 करोड़ रुपये हो गई जबकि दिसंबर, 2021 की तिमाही में यह 1,471 करोड़ रुपये थी। कंपनी के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में उसकी सौर क्षेत्र में क्षमता इस्तेमाल (सीयूएफ) और बिजली बिक्री में सुधार दर्ज किया गया। इसके साथ पवन ऊर्जा से पैदा हुई बिजली की बिक्री भी क्षमता बढ़ने से बढ़ी है। कंपनी को वित्त वर्ष 2022-23 के अंत तक अपनी परिचालन क्षमता बढ़कर 8,300 मेगावॉट होने की उम्मीद है जो भारत में सर्वाधिक होगी।
अडाणी पोर्ट्स को 1,336 करोड़ का मुनाफा
अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन (एपीएसईजेड) का दिसंबर, 2022 में समाप्त चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही का एकीकृत शुद्ध लाभ 1,336.51 करोड़ रुपये रहा। हालांकि, देश की सबसे बड़ी एकीकृत लॉजिस्टिक्स कंपनी ने इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 1,535.28 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध लाभ कमाया था। शेयर बाजारों को दी सूचना में कंपनी ने कहा कि तिमाही के दौरान उसकी एकीकृत कुल आय बढ़कर 5,051.17 करोड़ रुपये हो गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 4,713.37 करोड़ रुपये थी। अक्टूबर-दिसंबर की तिमाही में कंपनी का कुल खर्च बढ़कर 3,507.18 करोड़ रुपये हो गया। एक साल पहले समान अवधि में यह आंकड़ा 2,924.30 करोड़ रुपये रहा था।
सात कंपनियों के शेयर 2019 से निगरानी में
अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में गिरावट के बीच इसके शेयर नियामकीय निगरानी में आये हैं। हालांकि, पूर्व में जोरदार तेजी के साथ भी इसपर नियामकों की नजर थी और निगरानी बढ़ायी गयी थी। शेयर बाजार के आंकड़ों से यह पता चलता है। अमेरिका वित्तीय शोध कंपनी और ‘शॉर्ट सेलर’ हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट आई है और कंपनियों के बाजार मूल्यांकन में अरबों डॉलर का नुकसान हुआ है। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में आसामान्य रूप से कीमतों में तेजी और गिरावट तथा प्रवर्तकों के अधिक संख्या में शेयर गिरवी रखे जाने को लेकर नियामकीय निगरानी कार्रवाई विभिन्न अवधि के लिये 2019 से ही जारी है। तीन फरवरी, 2023 की स्थिति के अनुसार अडाणी समूह की कंपनियों के छह शेयर अतिरिक्त निगरानी व्यवस्था (एएसएम) के दायरे में हैं। सेबी और शेयर बाजार ने संबंधित शेयरों में अत्यधिक उतार-चढ़ाव से निपटने को लेकर अतिरिक्त निगरानी उपाय किये हैं।