अदानी ग्रुप ने अपने कारोबार विस्तार को आगे बढ़ाते हुए गुरुवार को घोषणा की कि ग्रुप ने गुजरात के मुंद्रा में अपने पहले तांबा संयंत्र का परिचालन शुरू कर दिया है। अडाणी एंटरप्राइजेज दो फेज में 10 लाख टन क्षमता का संयंत्र लगा रही है। पहले फेज में करीब 1.2 अरब डॉलर का निवेश किया जाएगा। यह मेटल इंडस्ट्री में अदानी ग्रुप की शुरुआत का प्रतीक है।भाषा की खबर के मुताबिक, कंपनी ने कहा कि ग्रीनफील्ड यूनिट की सफल प्रगति समूह की बड़े पैमाने की परियोजनाओं की योजना बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने की क्षमता को दर्शाती है।
भारत एक स्थायी और आत्मनिर्भर भविष्य की ओर
खबर के मुताबिक,अदानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी ने कहा कि कच्छ कॉपर (तांबा संयंत्र) का ऑपरेशन शुरू होने के साथ अदानी ग्रुप न सिर्फ धातु क्षेत्र में प्रवेश कर रहा है, बल्कि भारत को एक स्थायी और आत्मनिर्भर भविष्य की ओर ले जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस महत्वाकांक्षी, भव्य-आकार की परियोजना को पूरा करने की हमारी गति भारत को वैश्विक तांबा क्षेत्र में अग्रणी बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। हमारा मानना है कि घरेलू तांबा उद्योग परिपक्व पर्यावरणीय प्रबंधन के साथ हमारे हरित बुनियादी ढांचे को मजबूत करके 2070 तक हमारे देश के कार्बन तटस्थता के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
तांबे के उत्पादन में नए मानक स्थापित करेगा प्लांट
अदानी ने आगे कहा कि प्लांट चालू होने पर हमारा आधुनिक स्मेल्टर न्यू ग्रीन टेक्नोलॉजी पर ज्यादा जोर देने के साथ, तांबे के उत्पादन में नए मानक स्थापित करेगा। कच्छ कॉपर दूसरा फेज पूरा होने पर 10 लाख टन वार्षिक क्षमता के साथ, दुनिया का सबसे बड़ा एकल-स्थान ‘कस्टम स्मेल्टर’ होगा। इससे रोजगार के 2,000 प्रत्यक्ष और 5,000 अप्रत्यक्ष अवसर पैदा होंगे। आपको बता दें, ग्रुप ने 1 अप्रैल से शुरू होने वाले अगले वित्त वर्ष में बंदरगाह, ऊर्जा, हवाई अड्डा, जिंस, सीमेंट और मीडिया क्षेत्र तक फैले अपने कारोबार में 1.2 लाख करोड़ रुपये (लगभग 14 अरब अमेरिकी डॉलर) से अधिक का निवेश करने की योजना बनाई है।