Highlights
- अडाणी समूह का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है और कर्ज में कमी देखने को मिल रही है
- वैश्विक साख रेटिंग एजेंसियों ने भारत को ‘बीबीबी-’ की न्यूनतम निवेश रेटिंग दी है
- जल्द ही समूह की एक कंपनी ऐसी पहली फर्म बन जाएगी जिसकी रेटिंग सॉवरेन से ऊंची होगी
अडाणी समूह की एक कंपनी को जल्द ही भारत की सॉवरेन रेटिंग से ऊंची रेटिंग मिलने की उम्मीद है। गौरतलब है कि एशिया के सबसे धनी व्यक्ति गौतम अडानी के अडाणी समूह का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है और कर्ज में कमी देखने को मिल रही है। अडाणी समूह के मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) जुगेशिंदर (रॉबी) सिंह ने 10 अक्टूबर को नयी दिल्ली में चुनिंदा निवेशकों को बताया कि जल्द ही समूह की एक कंपनी भारत की ऐसी पहली फर्म बन जाएगी, जिसका पूरा कारोबार देश में ही है और जिसकी रेटिंग सॉवरेन से ऊंची होगी। बैठक में मौजूद दो लोगों ने यह जानकारी दी। सिंह ने कहा कि इस बारे में जल्द ही घोषणा की जाएगी। हालांकि, उन्होंने कंपनी का नाम नहीं बताया।
एसएंडपी और फिच जैसी वैश्विक साख रेटिंग एजेंसियों ने भारत को ‘बीबीबी-’ की न्यूनतम निवेश रेटिंग दी है। सार्वजनिक क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों सहित ज्यादातर फर्मों को सॉवरेन रेटिंग के बराबर या उससे नीचे का दर्जा दिया गया है। फिच रेटिंग्स ने पिछले साल जून में अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) को भारत की सॉवरेन रेटिंग से एक पायदान ऊपर की रेटिंग दी थी। कंपनी के कर्ज में कमी का हवाला देते हुए ऐसा किया गया। हालांकि, कुछ लोग तर्क दे सकते हैं कि रिलायंस का कारोबार देश के बाहर भी है।
सिंह ने निवेशक बैठक में कहा कि अडाणी समूह की इस फर्म का पूरा कारोबार देश में ही है और यह इस तरह की रेटिंग हासिल करने वाली पहली भारतीय कंपनी होगी। इस समय अडाणी समूह की छह सूचीबद्ध फर्मों में अडाणी ट्रांसमिशन लिमिटेड को सॉवरेन के बराबर रेटिंग दी गई है। इस कंपनी को फिच ने बीबीबी- (नकारात्मक परिदृश्य) रेटिंग, एसएंडपी ने बीबीबी- रेटिंग और मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने बीएए3 (स्थिर परिदृश्य) रेटिंग दी है। ये वही रेटिंग हैं, जो तीनों एजेंसियों ने भारत को भी दी हैं। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने बृहस्पतिवार को कंपनी के अनुरोध पर अडाणी ट्रांसमिशन लिमिटेड के लिए अपनी रेटिंग वापस ले ली। कंपनी का पुनर्गठन होना है, जिसके कारण ऐसा किया गया।
समूह की एक कंपनी अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड की भी सॉवरेन के बराबर रेटिंग है। इस संबंध में टिप्पणी के लिए अडाणी समूह को भेजे गए ईमेल का खबर लिखने तक जवाब नहीं आया था। सिंह ने निवेशक बैठक में कहा कि आम धारणा के विपरीत समूह पर बहुत अधिक कर्ज नहीं है और इसके विस्तार को समान रूप से इक्विटी द्वारा वित्तपोषित किया गया है।