Highlights
- अदाणी न्यू इंडस्ट्रीज लिमिटेड ग्रीन हाइड्रोजन में 50 अरब डॉलर का निवेश करेगी
- हरित हाइड्रोजन के क्षेत्र में यह भारत में अब तक की सबसे बड़ी प्रतिबद्धता है
- ANIL 2030 से पहले 1 मिलियन टन प्रति वर्ष की उत्पादन क्षमता विकसित करेगा
भारत में आने वाले वक्त में दुनिया का सबसे बड़ा ग्रीन हाइड्रोजन ईकोसिस्टम स्थापित होने जा रहा है। दुनिया की इस सबसे बड़ी परियोजना के लिए भारत की दिग्गज कंपनी अदाणी और फ्रांस की प्रमुख एनर्जी कंपनी टोटल एनर्जीज के बीच करार हुआ है। बयान में कहा गया, ‘‘इस रणनीतिक गठजोड़ में टोटल एनर्जीज, अडाणी न्यू इंडस्ट्रीज लिमिटेड (एएनआईएल) में अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) से 25 प्रतिशत अल्पांश हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी।’’
अदाणी समूह के अनुसार ग्रीन हाइड्रोजन पर केंद्रित इस नई साझेदारी से भारत और ग्लोबल स्तर पर एनर्जी के क्षेत्र में बड़े बदलावों की उम्मीद की जा रही है। अदाणी और टोटल एनर्जी दोनों एनर्जी ट्रांजीशन और क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में पहले से ही बेहतर काम कर रहे हैं, ये यह जॉइंट एनर्जी प्लेटफार्म दोनों कंपनियों द्वारा की गई पब्लिक ईएसजी प्रतिबद्धताओं को और मजबूती प्रदान करेगा।
ANIL अगले 10 वर्षों में ग्रीन हाइड्रोजन और संबद्ध ईकोसिस्टम में 50 बिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक का निवेश करेगा। प्रारंभिक चरण में, ANIL 2030 से पहले 1 मिलियन टन प्रति वर्ष की ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता विकसित करेगा।
इस समझौते पर अदाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी ने कहा, "अदाणी-टोटल एनर्जी के बीच हुई इस साझेदारी का रणनीतिक मूल्य, बिजनेस और महत्वाकांक्षा दोनों स्तरों पर बहुत अधिक है। दुनिया के सबसे बड़े ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादक बनने की हमारी यात्रा में, टोटल एनर्जीज के साथ साझेदारी कई आयाम जोड़ती है जिसमें R&D, बाजार तक पहुंच और अंतिम उपभोक्ता की समझ शामिल है। यह मौलिक रूप से हमें बाजार की मांग को आकार देने में सुविधा प्रदान करता है। यही कारण है कि मैं इस तरह की साझेदारी को आगे भी मजबूत होता देखता हूं। दुनिया के सबसे कम खर्चीले इलेक्ट्रॉन का उत्पादन करने की हमारी क्षमता में हमारा विश्वास ही दुनिया की सबसे कम खर्चीली हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करने की हमारी क्षमता को संचालित करेगा।”
टोटल एनर्जीज के प्रेसिडेंट और सीईओ पैट्रिक पॉयने ने कहा "एएनआईएल में टोटल एनर्जीज का प्रवेश हमारी रिन्युएबल और निम्न कार्बन हाइड्रोजन रणनीति का एक प्रमुख मील का पत्थर है, जहां हम 2030 तक अपनी यूरोपीय रिफाइनरियों में उपयोग किए जाने वाले हाइड्रोजन को न केवल डीकार्बोनाइज करना चाहते हैं, बल्कि मांग को पूरा करने के लिए हरित हाइड्रोजन के बड़े पैमाने पर उत्पादन को भी अग्रणी बनाना चाहते हैं।"
साझेदारी में किसकी क्या भूमिका
इस साझेदारी में अदाणी समूह भारतीय बाजार में अपनी गहरी समझ, तेजी से योजनाओं को लागू करने का अनुभव और आपरेशनल एक्सीलेंस तथा कैपिटल मैनेजमेंट के क्षेत्र अपने इनपुट देगा। वहीं टोटल एनर्जीज ग्लोबल और यूरोपीय बाजार की अपनी गहरी समझ के साथ फाइनेंसिंग कॉस्ट को कम करने में भूमिका निभाएगा।