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पावर प्रोजेक्ट में देरी पर कंपनियों पर होगी कार्रवाई, मुफ्त बिजली देने की परंपरा सही नहीं: मंत्री

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने वोट हासिल करने के लिए मुफ्त बिजली देने की परंपरा पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह सेक्टर को कमजोर करता है और इससे बिजली आपूर्ति प्रभावित होती है।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: May 25, 2023 15:04 IST
ऊर्जा मंत्री आर के सिंह - India TV Paisa
Photo:FILE ऊर्जा मंत्री आर के सिंह

बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने पावर प्रोजेक्ट को समय पर पूरा नहीं करने वाली कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। सिंह ने बृहस्पतिवार को भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि जो भी डेवलपर वाणिज्यिक परिचालन शुरू करने की तारीख या समयसीमा से चूकेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि बिजली उत्पादन क्षमता में वृद्धि एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि बोली प्रक्रिया के तहत जीती गई कई परियोजनाओं को संबंधित डेवलपर पूरा नहीं कर रहे हैं। सिंह ने कहा कि इन सभी परियोजनाओं (बिजली परियोजनाओं) को बोली प्रक्रिया के तहत जीता गया है और अगर वे परिचालन की अनुसूचित वाणिज्यिक तिथि (एससीओडी) से चूकते हैं, तो संबंधित डेवलपर को एक साल के लिए किसी परियोजना की बोली प्रक्रिया में भाग लेने से रोक दिया जाएगा। 

कंपनियों को पांच साल के लिए बैन किया जाएगा 

मंत्री ने बताया कि इसी तरह का दूसरा मामला होने पर कंपनियों को पांच साल के लिए प्रतिबंधित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह इस नियम को नीति में शामिल करेंगे। उन्होंने कहा कि बिजली परियोजनाओं का विकास करने वाले मांग बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं होगा। सिंह ने यह भी कहा कि जब तक बैटरी ऊर्जा भंडारण व्यवहार्य नहीं हो जाता, तब तक भारत को मांग को पूरा करने के लिए ताप बिजली क्षमता बढ़ानी होगी। उन्होंने समझाते हुए कहा कि अभी बैटरी भंडारण 10 रुपये प्रति यूनिट और ऊर्जा की दर 2.30 रुपये है। 

मुफ्त बिजली देने की परंपरा गलत 

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने वोट हासिल करने के लिए मुफ्त बिजली देने की परंपरा पर चिंता व्यक्त करते हुए गुरुवार को कहा कि यह सेक्टर को कमजोर करता है और इससे बिजली आपूर्ति प्रभावित होती है। सिंह ने बिजली क्षेत्र में राजनीतिकरण के बारे में बोलते हुए वोट हासिल करने के लिए मुफ्त बिजली का वादा करने वाले अदूरदर्शी राजनेताओं पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने जोर देकर कहा कि मुफ्त बिजली जैसी कोई चीज नहीं है, क्योंकि यह अंतत: उन करदाताओं पर बोझ डालती है जो बिल का भुगतान करते हैं। उन्होंने कहा कि मुफ्त की रेवड़ी बांटने और मुफ्त बिजली देने की प्रथा से यह सेक्टर कमजोर होता है। सिंह ने समय पर भुगतान के महत्व पर जोर दिया, क्योंकि ऐसा करने में विफलता न केवल बिजली की आपूर्ति को प्रभावित करती है बल्कि कोयले की आपूर्ति पर भी दबाव डालती है, जो एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में निहित चुनौतियों को दशार्ता है।

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