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बढ़ती गर्मी के चलते AC की डिमांड हाई, जानें 'गर्म गोले' को ठंडा करने में सोलर एनर्जी कितनी कामयाब?

Solar Energy AC Future: यह हीटवेव के दौरान विशेष रूप से फायदेमंद हो सकता है जब बिजली की मांग अक्सर पावर ग्रिड की क्षमता से अधिक हो जाती है, तब बिजली की सप्लाई बाधित हो जाती है। इस दौरान सोलर एनर्जी काफी मददगार साबित होती है।

Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Updated on: May 12, 2023 19:44 IST
Solar Energy AC Future- India TV Paisa
Photo:FILE Solar Energy AC Future

AC Demand: गर्मी के दिनों में भारत का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक या उससे भी अधिक हो जाता है। उस दौरान लोगों को एयर कंडीशनर जैसे कूलिंग उपकरण की ओर रुख करने की जरुरत पड़ती है। परन्तु लोग भूल जाते हैं कि ये उपकरण काफी अधिक मात्रा में हाइड्रोफ्लोरोकार्बन उत्सर्जित करते हैं, जो ग्लोबल वार्मिंग में एक महत्वपूर्ण कारक है। अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IA) कि एक रिसर्च कि माने तो 2050 तक एसी की वैश्विक मांग इस समय की तुलना में तीन गुना तक बढ़ जाएगी। यह यकीनन सही भी जान पड़ता है, खासकर भारत, इंडोनेशिया और चीन जैसे देशों में बढ़ते तापमान को देखते हुए इससे इनकार नहीं किया जा सकता। पिछले कुछ वर्षों में लोगों का रुझान सोलर एयर कंडीशनिंग सिस्टम की तरफ भी बढ़ा है। सोलर एसी न सिर्फ ठंडी हवा प्रदान करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करती हैं बल्कि हमारे जेब पर पड़ने वाले बिजली बिल के खर्चों से भी निजात दिलाती है।

क्या सौर AC बनेगा विकल्प?

सौर एयर कंडीशनिंग सिस्टम की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि ये पर्यावरण के लिए हानिकारक ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन नहीं करती हैं। एक ओर जहाँ पारंपरिक एयर कंडीशनिंग सिस्टम ऑपरेशन के लिए बिजली संयंत्रों द्वारा उत्पन्न बिजली पर निर्भर करते हैं। सौर उर्जा पर काम करने वाली कंपनी एक्साल्टा इंडिया (Exalta India) के फाउंडर आशुतोष वर्मा बताते हैं कि आमतौर पर ये संयंत्र बिजली उत्पन्न करने के लिए कोयला या प्राकृतिक गैस जैसे जीवाश्म ईंधन पर निर्भर करते हैं। यह प्रक्रिया कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य ग्रीन हाउस गैसों को वातावरण में छोड़ती है, जिससे ग्लोबल वार्मिंग होता है। जबकि दूसरी ओर सौर एयर कंडीशनिंग सिस्टम बिजली उत्पन्न करने के लिए सौर पैनलों का उपयोग करते हैं। इसके संचालन के दौरान किसी प्रकार के हानिकारक गैसों का उत्सर्जन नहीं होता है। इस प्रकार, पारम्परिक एयर कंडीशनिंग की जगह सौर एयर कंडीशनिंग सिस्टम का उपयोग कर हम बिजली पर से अपनी निर्भरता काम कर सकते हैं और ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को काफी कम कर सकते हैं।

कम ऊर्जा खपत

ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के अलावा सौर एयर कंडीशनिंग सिस्टम पारंपरिक एयर कंडीशनिंग सिस्टम की तुलना में कम ऊर्जा की खपत करते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सौर एयर कंडीशनिंग सिस्टम अपने संचालन के लिए पूरी तरह सौर ऊर्जा पर निर्भर करते हैं जो नवीकरणीय ऊर्जा का एक स्रोत है। इसलिए सोलर एसी के उपयोग की स्थिति में हमें इसके संचालन के लिए आवश्यक ऊर्जा के लिए गैर नवीकरणीय संसाधनों पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है। अपने संचालन के लिए कम ऊर्जा निर्भरता के कारण सोलर एयर कंडीशनिंग सिस्टम बिजली की समग्र मांग को कम करने में हमारी मदद कर सकते हैं, जिससे पर्यावरण पर एक सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। सोलर एयर कंडीशनिंग सिस्टम के महत्वपूर्ण लाभों में से एक यह है कि वे पावर ग्रिड से स्वतंत्र रूप से काम कर सकते हैं। इसका मतलब यह है कि पावर आउटेज या पावर ग्रिड में अन्य व्यवधानों के दौरान भी आपका एयर कंडीशनिंग सिस्टम काम करना जारी रख सकता है।

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