टेक्नोलॉजी सुविधा के लिए है लेकिन आज यह फ्रॉड और साइबर क्राइम (Cyber Crime) का बहुत बड़ा जरिया भी है। आए दिन अलग-अलग तरह के फाइनेंसियल फ्रॉड के मामले दर्ज होते रहते हैं। आपको यह जानकर शायद आश्चर्य होगा कि देश में 10 ऐसे जिले हैं, जिनकी साइबर फ्रॉड के कुल आंकड़ों में अकेले 80 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। यानी ऑनलाइन फर्जीवाड़ा करने में ये सबसे आगे हैं। बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के मुताबिक, ऑनलाइन ठग यूपीआई ट्रांजैक्शन (UPI Transaction fraud) को अपना टारगेट बना रहे हैं।
अनऑथोराइज्ड ट्रांजैक्शन पर सबसे ज्यादा टारगेट
साल 2020-23 की अवधि के लिए सोमवार को साइबर क्राइम (Cyber Crime) के ट्रेंड पर जारी व्हाइटपेपर में कहा गया है कि अनऑथोराइज्ड ट्रांजैक्शन को ऑनलाइन फाइनेंसियल फ्रॉड में मुख्यतौर पर निशाने पर रखा जा रहा है। खबर के मुताबिक, यह स्टडी आईआईटी कानपुर और फ्यूचर क्राइम रिसर्च फाउंडेशन ने जारी किया है। इसमें कई सचेत करने वाले ट्रेंड्स सामने आए हैं। यह डाटा कई अलग-अलग प्लेटफॉर्म जैसे नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो और पार्लियामेंट और थिंक टैंक पर आधारित हैं।
ये 10 जिले हैं फ्रॉड के सेंटर
खबर के मुताबिक, भरतपुर (Bharatpur), मथुरा (Mathura), नूह (Nuh), देवघर (Deoghar), जामताड़ा (Jamtara), गुरुग्राम (Gurugram), अलवर (Alwar), बोकारो (Bokaro), करमाटांड़ (Karmatand), गिरीडीह (Giridih) जिले ऐसे हैं जहां से देश में कुल साइबर क्राइम (Cyber Crime) का 80 प्रतिशत हिस्सेदारी रखते हैं। इसमें भरतपुर जिला सबसे नंबर वन पर है। कुल साइबर फ्रॉड की हिस्सेदारी में अकेले 18 प्रतिशत की भूमिका है। इसी तरह, दूसरे नंबर पर मथुरा और छठे नंबर पर दिल्ली से सटा गुरुग्राम भी है, जिनकी हिस्सेदारी क्रमश: 12 प्रतिशत और 8.1 प्रतिशत है।
रिपोर्ट के मुताबिक, कुल साइबर क्राइम (Cyber Crime) में 77.41 प्रतिशत के साथ ऑनलाइन फाइनेंसियल फ्रॉड सबसे ज्यादा हो रहे हैं। इसके बाद 12.02 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ ऑनलाइन और सोशल मीडिया से जुड़े फ्रॉड शामिल हैं। इसके अलावा, हैकिंग, पीसी-कंप्यूटर को डैमेज करना भी शामिल हैं।