उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा फरवरी के दूसरे सप्ताह में प्रस्तावित तीन दिन के वैश्विक निवेशक सम्मेल (ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट) की कड़ी में मंगलवार को लखनऊ में एक दिवसीय जिला स्तरीय निवेशक सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें 56,299 करोड़ रुपये के 262 समझौतों (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुए।
तीन दिन का है ये वैश्विक निवेशक सम्मेलन
उत्तर प्रदेश में 10 से 12 फरवरी तक वैश्विक निवेशक सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इसके लिए राज्य सरकार लगातार उद्यमियों को निवेश के लिए आमंत्रित कर रही है। मंगलवार को यहां इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में एक दिन का 'लखनऊ निवेशक सम्मेलन' आयोजित किया गया, जिसमें बतौर मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक शामिल हुए।
इस सम्मेलन में केंद्रीय राज्यमंत्री कौशल किशोर और राज्य सरकार के लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद समेत अन्य मंत्री भी मौजूद रहे। सम्मेलन को संबोधित करते हुए उप-मुख्यमंत्री पाठक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में डबल इंजन की सरकार द्वारा किये जा रहे विकास कार्यों की चर्चा करते हुए कहा कि देश को आर्थिक तौर पर मजबूत करने का प्रयास किया जा रहा है।
इन सेक्टर के लिए मिला निवेश
उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने उप्र की छवि बदली है जबकि पहले दुर्दांत माफिया राज्य की विधानसभा में प्रवेश करते थे। उन्होंने दावा किया कि राज्य में बेहतर कानून-व्यवस्था की वजह से अब देश-विदेश के उद्यमी यहां पर निवेश करने के लिए सतत प्रयत्नशील हैं। मंगलवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, वैश्विक निवेशक सम्मेलन-2023 में लखनऊ को प्राप्त लक्ष्य की पूर्ति को एक दिन के 'जनपद स्तरीय निवेशक सम्मेलन’ के दौरान चार तकनीकी सत्र विनिर्माण, कपड़ा, एमएसएमई तथा औद्योगिक निवेश, दूसरा कृषि डेयरी एवं खाद्य प्रसंस्करण तथा जैव ऊर्जा, तीसरा आवासीय बुनियादी ढांचा और चौथा निवेश मित्र संबंधी जानकारियों के लिए सत्र का आयोजन किया गया।
इसके अलावा उद्यमियों की सहायता को जनपद स्तरीय विभिन्न विभागों द्वारा स्टॉल भी लगाये गये। तकनीकी सत्र में जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार द्वारा औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2022, सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम प्रोत्साहन नीति-2022 तथा उद्यमियों को भूमि आवंटन से संबंधित विभिन्न जानकारियां प्रदान की गईं। बयान में कहा गया कि इन्वेस्ट यूपी पोर्टल के ऑनलाइन आंकड़ों के अनुसार लखनऊ में अब तक 56,299 करोड़ रुपये के 262 एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं।