पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आजादी के जश्न के बीच अपने राज्य के लोगों को बड़ी खुशखबरी दी है। मान ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि राज्य के करीब 51 लाख परिवारों को एक सितंबर से बिजली का बिल नहीं देना होगा। राज्य में 66 किलो वोल्ट बुटारी-ब्यास लाइन को लोगों को समर्पित करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने समाज के हर वर्ग को हर बिल में मुफ्त 600 यूनिट बिजली उपलब्ध कराई है।
74 लाख में से 51 लाख को फायदा
पंजाब में इस समय कुल 74 लाख से अधिक बिजली उपभोक्ता हैं। राज्य सरकार की इस घोषणा का लाभ इनमे से 51 लाख घरों को मिलेगा। इन उपभोक्ताओं को 1 सितंबर से बिजली बिल जीरो मिलेगा। इससे पहले आम आदमी पार्टी की केजरीवाल सरकार ने राजधानी दिल्ली में भी फ्री में बिजली उपलब्ध कराई है। हालांकि अब दिल्ली सरकार लोगों को सब्सिडी का विकल्प छोड़ने का भी विकल्प दे रही है।
पंजाब में हर दो महीने में आता है बिल
पंजाब राज्य में बिजली सप्लाई के नियमों के मुताबिक ग्राहकों को हर दूसरे महीने बिजली का बिल अदा करना होता है। यहां बिलिंग साइकल 2 महीने की है। एक बयान में सीएम मान ने कहा कि राज्य के किसानों को पहली बार नियमित, बिना किसी कटौती के और सरप्लस बिजली मिली है। 66 केवी लाइन पर भगवंत मान ने कहा कि सीमावर्ती जिलों के 70 गांवों को नियमित रूप से रोशन करने वाली यह महत्वपूर्ण लाइन पिछले एक दशक से जल रही है।
बजट में हुई थी घोषणा
इस साल 27 जून को पंजाब की नई सरकार ने पहला बजट पेश किया था। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बजट पेश करने के दौरान कहा था कि 300 यूनिट मुफ्त बिजली उपलब्ध कराने से सरकारी खजाने पर 1800 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। पंजाब अलग-अलग कैटेगरी को रियायती बिजली देता है, जिसमें से अकेले कृषि क्षेत्र को मुफ्त बिजली के चलते सब्सिडी बिल लगभग 7,000 करोड़ रुपये है।