प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) को लेकर सरकार ने सोमवार को ताजा आंकड़े जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि अब तक इस योजना का लाभ 51 करोड़ से भी ज्यादा लोगों ने लिया है। वित्त मंत्रालय ने इसको लेकर कहा कि प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) ने बैंकिंग सेवाओं से वंचित नागरिकों के सशक्तिकरण में बड़ी भूमिका निभाई है। भाषा की खबर के मुताबिक, पीएमजेडीवाई को 28 अगस्त, 2014 को वित्तीय समावेश के लक्ष्य के साथ शुरू किया गया था।
कुल लाभार्थियों में से 55.5 प्रतिशत महिलाएं
खबर के मुताबिक, जनधन योजना का मकसद बैंक सुविधा से वंचित हर वयस्क को बैंक सुविधाओं और बुनियादी बैंक खातों तक पहुंच उपलब्ध कराना था। वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा है कि इस योजना के कुल लाभार्थियों में से 55.5 प्रतिशत महिलाएं हैं। लेटेस्ट आकड़ों में कहा गया है कि 22 नवंबर तक इन खातों में कुल 2.10 लाख करोड़ रुपये जमा थे। हालांकि इस योजना के तहत खोले गए कुल 4.30 करोड़ खातों में शून्य राशि ही जमा थी।
न्यूनतम राशि बनाए रखने की शर्त नहीं
बता दें, जनधन खातों में कोई भी न्यूनतम राशि बनाए रखने की शर्त नहीं है। मंत्रालय ने एक दूसरे पोस्ट में कहा कि प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत दिए गए दो लाख रुपये के दुर्घटना बीमा से 41 करोड़ से ज्यादा लाभार्थियों को फायदा पहुंचा है। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना ने 18 करोड़ से अधिक लाभार्थियों और उनके परिजनों को लाभान्वित किया है। वित्त मंत्रालय ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सुधार की पहल से पारदर्शी और स्मार्ट बैंकिंग के जरिये ग्राहकों की पहुंच और संतुष्टि सुनिश्चित की जा रही है
बैंकों में भी काफी सुधार देखा गया
खबर में कहा गया है कि शिड्यूल कॉमर्शियल बैंकों (एससीबी) की शुद्ध गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) मार्च 2023 में घटकर 1.36 लाख करोड़ रुपये (0.95 प्रतिशत) रह गई जबकि पहले यह 2.04 लाख करोड़ रुपये (1.67 प्रतिशत) थी। वाणिज्यिक बैंकों का सकल एनपीए अनुपात मार्च 2023 तक घटकर 3.87 प्रतिशत हो गया है, जो मार्च 2019 में 9.07 प्रतिशत था। वित्त मंत्रालय ने कहा कि देश में डिजिटल भुगतान क्रांति जारी है और अक्टूबर 2023 तक यूपीआई से होने वाला लेनदेन 7,000 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गया।