देश के युवाओं के लिए अच्छी खबर है। होटल्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एचएआई) ने सोमवार को कहा कि आतिथ्य तथा पर्यटन क्षेत्र (hospitality and tourism sector) में अगले पांच से सात साल में पांच करोड़ प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसरों का सृजन होने की उम्मीद है। एचएआई के अनुसार, रोजगार की संभावनाओं का दोहन करने के लिए राज्यों में पूर्ण उद्योग तथा बुनियादी ढांचे का दर्जा प्राप्त करने के लिए क्षेत्र को सरकारी समर्थन की आवश्यकता है। एचएआई के अध्यक्ष पुनीत चटवाल ने यहां छठे एचएआई होटलियर्स कॉन्क्लेव में कहा कि आतिथ्य क्षेत्र के लिए बुनियादी ढांचे की स्थिति न केवल आवास बनाने के लिए निवेश को बढ़ा सकती है, बल्कि इससे आय तथा रोजगार सृजन को भी बढ़ावा मिल सकता है।
रोजगार सृजन में करीब 10 प्रतिशत हिस्सेदारी
इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) चटवाल ने कहा कि पर्यटन विकास का एक स्तंभ है जिसकी कुल रोजगार सृजन में करीब 10 प्रतिशत हिस्सेदारी है और यह सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में आठ प्रतिशत का योगदान देता है। यह एक बड़े गुणक प्रभाव के साथ समावेशी वृद्धि में मदद कर सकता है, ‘‘ लेकिन अक्सर इसके इस स्तर तक पहुंचने में और वास्तविक नीति कार्यान्वयन के बीच एक अंतर रह जाता है।’’ एचएआई के उपाध्यक्ष के.बी.काचरू ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पिछले दो वर्षों में नियुक्तियों में 271 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। काचरू ने कहा, ‘‘ इस तरह कारोबार बढ़ रहा है। अब हमें न केवल उच्चस्तर पर बल्कि प्रवेश स्तर पर भी पर्यटन के विकास पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। इस तरह ध्यान देते रहना होगा और यदि हम ऐसा नहीं करते हैं तो हम सेवाएं देने में सक्षम नहीं होंगे। ’’
नौकरियों का सृजन करने वाला एक बड़ा क्षेत्र
रेडिसन होटल समूह के चेयरमैन (एमेरिटस) एवं प्रधान सलाहकार (दक्षिण एशिया) काचरू ने कहा, ‘‘ हम अगले पांच से सात वर्षों में पांच करोड़ से अधिक नौकरियों का सृजन करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।’’ इससे पहले भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने आतिथ्य तथा पर्यटन क्षेत्र को उद्योग तथा बुनियादी ढांचे का दर्जा देने की मांग पर कहा कि इससे जुड़े लोग राजनेताओं को बताएं कि क्षेत्र 2030 तक 2.5 करोड़ नौकरियों का सृजन कर सकता है। कांत ने कहा कि पर्यटन उद्योग किसी तरह राजनेताओं को यह बताने में विफल रहा है कि वह नौकरियों का सृजन करने वाला एक बड़ा क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि रोजगार के मामले में थाइलैंड करीब दो करोड़ नौकरियां, मलेशिया करीब 1.5 करोड़ नौकरियां और भारतीय पर्यटन क्षेत्र से 78 लाख नौकरियों का सृजन करता है।