इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (आईजीआईए) पर शुक्रवार की सुबह घने कोहरे के चलते 400 से ज्यादा फ्लाइट्स में देरी हुई। घने कोहरे की वजह से राष्ट्रीय राजधानी के कुछ इलाकों में दृश्यता शून्य हो गई। पीटीआई की खबर के मुताबिक, एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइट Flightradar24.com पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, हवाई अड्डे पर 470 फ्लाइट्स में देरी हुई। लेकिन किसी भी फ्लाइट को डायवर्ट नहीं किया गया।
यात्रियों को एयरलाइन से संपर्क करने की अपील
खबर के मुताबिक, दिल्ली एयरपोर्ट पर कम विजिबिलिटी का सिलसिला अभी भी जारी है। हालांकि, उड़ान संचालन पर कोई असर नहीं पड़ा है। दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) ने सुबह 11 बजे एक पोस्ट में कहा कि यात्रियों से अनुरोध है कि वे फ्लाइट की अपडेट जानकारी के लिए संबंधित एयरलाइन से संपर्क करें। सुबह 6.35 बजे एक दूसरे पोस्ट में, डायल ने कहा कि एयरपोर्ट पर लैंडिंग और टेकऑफ़ जारी रहने के बावजूद, CAT III का अनुपालन न करने वाली उड़ानें प्रभावित हो सकती हैं।
हर रोज लगभग 1,300 फ्लाइट्स की आवाजाही
CAT III सुविधा विमानों को कम दृश्यता की स्थिति में परिचालन करने की अनुमति देती है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि एयरपोर्ट पर बहुत घना कोहरा रहा और दृश्यता 0 मीटर दर्ज की गई। इसने कहा कि सभी रनवे CAT III के तहत काम कर रहे हैं, जो विमानों को कम दृश्यता की स्थिति में परिचालन करने की अनुमति देता है। DIAL द्वारा संचालित इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे हर रोज लगभग 1,300 फ्लाइट्स की आवाजाही को संभालता है।
फ्लाइट्स के शेड्यूल पर पड़ रहा असर
इंडिगो ने पैसेंजर्स से अपील करते हुए कहा है कि अमृतसर, चंडीगढ़ और गुवाहाटी में मौसम लगभग एक जैसा ही बना हुआ है, जिसका असर फ्लाइट्स के शेड्यूल पर पड़ रहा है। कृपया अपनी उड़ान की स्थिति पर नज़र रखें। अगर आपकी फ्लाइट कैंसिल हो जाती है, तो कृपया वैकल्पिक/रिफंड का विकल्प चुन सकते हैं। जल्द ही बेहतर मौसम और सुचारू संचालन की उम्मीद है।
स्पाइसजेट ने 4 जनवरी 2025 के लिए पैसेंजर्स को अलर्ट करते हुए कहा है कि दिल्ली (DEL), अमृतसर (ATQ), जम्मू (IXJ), श्रीनगर (SXR), अयोध्या (AYJ), वाराणसी (VNS), दरभंगा (DBR) और पटना (PAT) में अपेक्षित खराब मौसम (खराब दृश्यता) के चलते, सभी प्रस्थान/आगमन और उनसे संबंधित उड़ानें प्रभावित हो सकती हैं। यात्रियों से अनुरोध है कि वे अपनी उड़ान की स्थिति पर नज़र रखें।