केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि साल 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र या 'विकसित भारत' बनाने के एजेंडे को आगे बढ़ाने में बैंकिंग सेक्टर को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। वित्त मंत्री ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र के 90वें स्थापना दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, "प्रधानमंत्री की तरफ से निर्धारित एजेंडे को आगे बढ़ाने में बैंकों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी और बैंकों की भूमिका से हम इस सपने को हासिल करने में और तेजी लाएंगे।"
बीमा पहुंच बढ़ाने में बैंकों को करनी होगी मदद
वित्त मंत्री ने कहा कि बैंकों को इंफ्रा सेक्टर को तेज रफ्तार देने, एमएसएमई सेक्टर को जरूरत के हिसाब से वित्त मुहैया कराने, बैंक सेवाओं से वंचित आबादी को बैंक दायरे में लाने और बीमा पहुंच बढ़ाने में मदद करनी होगी। सीतारमण ने कहा कि टेक्नोलॉजी बैंक परिदृश्य को तेजी से बदल रही है क्योंकि ये सभी ग्राहकों को सुरक्षित और आसानी से इस्तेमाल किया जाने वाला डिजिटल बैंकिंग एक्सपीरियंस देती है। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने बैंकों के लिए टेक्नोलॉजी से जुड़ी सुरक्षा पर भी जोर देने के लिए कहा।
किसी भी खतरे से बचने के लिए मजबूत बैंकिंग सिस्टम की जरूरत
निर्मला सीतारमण ने कहा, "बैंक ऐसे डिजिटल सिस्टम नहीं रख सकते हैं जो कहीं भी हैक हो जाए और पूरे सिस्टम एवं उस पर आधारित भरोसा खतरे में पड़ जाए। इसके लिए आपको एक मजबूत सिस्टम चाहिए। आपको हर बार ये सुनिश्चित करना होगा कि आपके पास सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम मौजूद हैं और किसी भी आपातकालीन स्थिति में किस तरह के कदम उठाने होंगे।"
7 देशों में इस्तेमाल हो रहा है यूपीआई
वित्त मंत्री ने डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने में एकीकृत भुगतान प्रणाली यूपीआई की बढ़ती लोकप्रियता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ग्लोबल लेवल पर तत्काल होने वाले सभी डिजिटल पेमेंट्स में से 45 प्रतिशत भारत में होते हैं। उन्होंने कहा कि यूपीआई पेमेंट सिस्टम इस समय सात देशों में शुरू हो चुकी है।