कार खरीदने वालों की सोच में लगातार बदलाव देखने को मिल रहा है। एक लेटेस्ट सर्वे में कहा गया है कि करीब 43 प्रतिशत कस्टमर्स कार में सेफ्टी को काफी तवज्जो दे रहे हैं। इसके अलावा, 58 प्रतिशत कार कस्टमर्स ऐसे हैं जो एसयूवी खरीदने को प्राथमिकता देते हैं। साथ ही साथ 31 प्रतिशत खरीदार ऐसे हैं जिन्होंने इलेक्ट्रिक वाहनों में रुचि दिखाई। यह सर्वेक्षण पांच राज्यों में 4,00,000 उत्तरदाताओं पर किया गया। यह सर्वे एक चुनौतीपूर्ण साल के बीच ऑटो इंडस्ट्री के लिए एक परिवर्तनकारी अवधि का संकेत देता है।
इन पांच राज्यों में किया गया सर्वे
खबर के मुताबिक, यह सर्वे आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल में किया गया है। यहां बता दें, साल 2023 के त्योहारी सीजन में ऑटोमोबाइल उद्योग की अब तक की सबसे अधिक बिक्री दर्ज की गई थी। साल 2024 एक विपरीत तस्वीर पेश करता है। भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार ने उल्लेखनीय मंदी का अनुभव किया है, हाल की रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि लगभग 7 लाख बिना बिकी कारें, जिनकी कीमत लगभग ₹70,000 करोड़ है, वर्तमान में देश भर के डीलरशिप पर मौजूद हैं। अगर इन पर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह इन्वेंट्री डीलरों पर महत्वपूर्ण वित्तीय दबाव डाल सकती है।
कार खरीदने या अपग्रेड करने की योजना
परंपरागत रूप से, नवरात्रि से दिवाली तक का त्योहारी सीजन वाहन निर्माताओं के लिए मेक-ऑर-ब्रेक अवधि रहा है, जिसमें कार की बिक्री अक्सर चरम पर होती है क्योंकि उपभोक्ता शुभ तारीखों के साथ अपनी खरीदारी का समय निर्धारित करते हैं। सर्वे में पता चला है कि 42% उत्तरदाताओं ने अगले 12 महीनों के भीतर अपनी कार खरीदने या अपग्रेड करने की योजना बनाई है, जो चुनौतीपूर्ण अवधि के बाद बिक्री में संभावित पुनरुत्थान का संकेत देता है। उपभोक्ता व्यवहार डेटा से सूचित रणनीतिक विपणन प्रयास, वाहन निर्माताओं को इस चुनौती को सफलता की कहानी में बदलने में मदद कर सकते हैं।
कस्टमर्स की बदलती प्राथमिकताएं
इन पांचों राज्यों में किए गए इस सर्वे से यह पता चलता है कि कस्टमर्स की प्रायोरिटी आज के समय में बदल गई है। लोगों में एसयूवी के प्रति एक मजबूत रुझान, इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) में बढ़ती रुचि और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बढ़ती निर्भरता ऑटो-खरीद परिदृश्य को आकार दे रही है। फेस्टिवल सीजन में कंपनियों को बिक्री को लेकर काफी उम्मीदें हैं।