स्थिति धीरे-धीरे भयावह होती जा रही है। देश और दुनिया में इतनी तेजी से कंपनियां छंटनी कर रही हैं कि मार्केट में नए जॉब तलाश करने वालों की संख्या में इजाफा हो गया है। हाल ही में जारी हुई एक रिपोर्ट ने सरकार की पोल खोल दी है। बता दें, आईएमएफ ने इस साल दुनिया भर के देशों में मंदी आने की आशंका जताई है।
लिंक्डइन की रिपोर्ट में खुलासा
बड़े पैमाने पर छंटनी के बीच भारत में 5 में से 4 पेशेवर 2023 में नई नौकरी की तलाश कर रहे हैं। लिंक्डइन की रिपोर्ट के अनुसार, 18-24 आयु वर्ग के 88 प्रतिशत पेशेवर, 45-54 आयु वर्ग के 64 प्रतिशत लोग नौकरी बदलने पर विचार कर रहे हैं।
आने वाले समय में अनिश्चित आर्थिक समय के बावजूद, पेशेवर अपने कौशल में निवेश कर और प्रगति के अवसरों की सक्रिय रूप से तलाश कर अपने करियर का लॉन्ग-टर्म व्यू अपना रहे हैं। सर्वेक्षण में शामिल तीन चौथाई (78 प्रतिशत) कर्मचारियों ने कहा कि अगर वे अपनी नौकरी छोड़ देते हैं, तो वे आवेदन करने के लिए अन्य विकल्प खोजने में खुद को मजबूत महसूस करेंगे।
नए स्कील सीखने पर फोकस
लिंक्डइन करियर विशेषज्ञ नीरजिता बनर्जी ने कहा, "कठिन आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद भारत कार्यबल बढ़ने और आगे बढ़ने के लिए अपनी क्षमताओं पर भरोसा कर रहा है। पेशेवरों के लिए हस्तांतरणीय कौशल का निर्माण कर खुद में निवेश करना आवश्यक है जो उनकी प्रोफाइल को अधिक बहुमुखी और विभिन्न भूमिकाओं के अनुकूल बना देगा।"
तीन में से एक (32 फीसदी) ने कहा कि वे भी अपनी क्षमताओं में अधिक आत्मविश्वास महसूस करते हैं और सोचते हैं कि वे एक बेहतर मौका पा सकते हैं। लिंक्डइन के वर्कफोर्स कॉन्फिडेंस इंडेक्स के अनुसार, भारत में सिर्फ पांच में से दो (43 प्रतिशत) पेशेवर आर्थिक मंदी के लिए तैयार महसूस करते हैं।
आधे से अधिक लोग कर रहे ये काम
हालांकि, चल रही अनिश्चितता से खुद को पेशेवर भी 'करियर ऑप्शन' के लिए सक्रिय उपाय करते हुए देखे जा रहे हैं। भारत में आधे से अधिक (54 प्रतिशत) पेशेवर सही लोगों के संपर्क में रहकर और अधिक व्यावसायिक आयोजनों में भाग लेकर अपना नेटवर्क बढ़ा रहे हैं। इसके अतिरिक्त 44 प्रतिशत लोग आज नए इन-डिमांड और हस्तांतरणीय कौशल सीख रहे हैं।