Sunday, November 24, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. सोचिए! 2623 विलफुल डिफॉल्टर ने दबा रखे हैं बैंकों के ₹1.96 लाख करोड़, सरकार ने दी संसद में जानकारी

सोचिए! 2623 विलफुल डिफॉल्टर ने दबा रखे हैं बैंकों के ₹1.96 लाख करोड़, सरकार ने दी संसद में जानकारी

वित्तीय वर्ष 2022-23 में शिड्यूल कॉमर्शियल बैंकों द्वारा बट्टे खाते में डाले गए आधे से ज्यादा लोन बड़े उद्योगों और सेवाओं के थे। पिछले वित्त वर्ष में माफ किए गए 2.09 लाख करोड़ रुपये के लोन में से 1.09 लाख करोड़ बड़े उद्योगों और सेवाओं से संबंधित थे।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Updated on: December 04, 2023 22:34 IST
वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान बैंकों ने दंडात्मक शुल्क के रूप में 5,309.80 करोड़ रुपये वसूले हैं। - India TV Paisa
Photo:REUTERS वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान बैंकों ने दंडात्मक शुल्क के रूप में 5,309.80 करोड़ रुपये वसूले हैं।

एक आम आदमी को बैंक से लोन लेने के लिए तमाम नियम, मापदंड और शर्तों से होकर गुजरना पड़ता है। समय पर न चुकाए तो एक्शन होता है। लेकिन विडंबना देखिए कि 2623 विल्फुल डिफॉल्टर ने उन्हीं बैंकों का 1.96 लाख करोड़ रुपये दबाए रखा है। वह उसका रीपेमेंट नहीं कर रहे हैं। सरकार ने सोमवार को नोट किया कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, मार्च 2023 के आखिर तक शिड्यूल कॉमर्शियल बैंकों द्वारा 1,96,049 करोड़ रुपये के कुल बकाया के साथ 2,623 कर्ज लेने वालों को विलफुल डिफॉल्टर के रूप में वर्गीकृत किया गया था। डेटा 5 करोड़ रुपये और उससे ज्यादा के कुल एक्सपोज़र वाले उधारकर्ताओं के लिए है।

52.3% बकाया लोन बड़े उद्योगों और सेवाओं से संबंधित थे

खबर के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2022-23 में शिड्यूल कॉमर्शियल बैंकों द्वारा बट्टे खाते में डाले गए आधे से ज्यादा लोन बड़े उद्योगों और सेवाओं के थे। पिछले वित्त वर्ष में माफ किए गए 2.09 लाख करोड़ रुपये के लोन में से 1.09 लाख करोड़ या 52.3% बड़े उद्योगों और सेवाओं से संबंधित थे। बिजनेस टुडे की खबर के मुताबिक, वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने सोमवार को लोकसभा सांसद अब्दुल खालिक, महेश साहू और एम बदरुद्दीन अजमल के लोन माफ करने के सवाल के जवाब में लोकसभा में यह जानकारी दी।

10.57 लाख करोड़ रुपये के लोन माफ

कराड ने कहा, कुल मिलाकर, शिड्यूल कॉमर्शियल बैंकों ने वित्तीय वर्ष 2018-19 से 2022-23 के बीच 10.57 लाख करोड़ रुपये के लोन माफ कर दिए। इनमें से, बड़े उद्योगों और सेवाओं के लिए बट्टे खाते में डाले गए ऋणों की राशि 5.55 लाख करोड़ रुपये या ऐसे सभी बट्टे खाते में डाले गए ऋणों का 52.5% थी। कराड ने आगे कहा, आरबीआई ने जानकारी देते हुए कहा है कि कॉर्पोरेट घरानों के संबंध में बट्टे खाते में डाले गए ऋण की जानकारी उसके द्वारा नहीं रखी जाती है।

खबर के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान बैंकों ने दंडात्मक शुल्क के रूप में 5,309.80 करोड़ रुपये वसूले हैं। इसमें लोन के भुगतान में देरी के खिलाफ जुर्माना शुल्क भी शामिल है। विलफुल डिफॉल्टर्स पर कराड ने कहा कि सेंट्रल रिपोजिटरी ऑफ इन्फॉर्मेशन ऑन लार्ज क्रेडिट्स (सीआरआईएलसी) डेटाबेस के अनुसार, 31 मार्च, 2023 तक कुल 2,623 कर्ज लेने वालों को विलफुल डिफॉल्टर के रूप में कैटेगराइज किया गया था।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement