21st livestock census : सरकार ने गुरुवार को कहा है कि वह देशभर में इस साल सितंबर और दिसंबर के बीच 21वीं पशुधन गणना कराने की तैयारी कर रही है। केंद्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय मोबाइल तकनीक का उपयोग करके पशुधन गणना करेगा, क्योंकि इससे डेटा को ऑनलाइन प्रसारित करने में मदद मिलेगी। मंत्रालय ने गुरुवार को पशुपालन और डेयरी सचिव अलका उपाध्याय की अध्यक्षता में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारियों और तकनीकी समिति के सदस्यों के साथ इस मुद्दे पर एक बैठक की। बैठक के बाद जारी एक बयान में मंत्रालय ने कहा, ‘‘21वीं पशुधन गणना वर्ष 2024 में होनी है और यह सितंबर-दिसंबर 2024 के दौरान राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की भागीदारी के साथ आयोजित की जाएगी।’’ इस गिनती से देश में कुल पशुधन संपदा का पता चल पाएगा।
सभी गांवों में होगी गणना
यह गणना सभी गांवों और शहरी वार्डों में की जाएगी। इसमें जानवरों की विभिन्न प्रजातियों (गाय-बैल, भैंस, मिथुन, याक, भेड़, बकरी, सुअर, घोड़ा, टट्टू, खच्चर, गधा, ऊंट, कुत्ता, खरगोश और हाथी) के साथ घरेलू, घरेलू उद्यमों और गैर-घरेलू उद्यमों द्वारा पाले जाने वाले पोल्ट्री पक्षियों (मुर्गी, बत्तख और अन्य पोल्ट्री पक्षी) की भी गणना की जाएगी। इस बार की पशुधन गणना में पोल्ट्री पक्षी की उम्र और लिंग के साथ उसकी नस्ल से जुड़ा आंकड़ा भी एकत्र किया जाएगा।
1919 से हर पांच साल पर हो रही पशुधन गणना
भारत पशुपालन क्षेत्र से जुड़े आंकड़े जुटाने के लिए वर्ष 1919 से हर पांच साल पर पशुधन गणना आयोजित कर रहा है। आखिरी पशुधन गणना वर्ष 2019 में आयोजित की गई थी। पशुधन गणना घर-घर जाकर किया जाने वाला एक बड़ा अभियान है। इसमें हरेक घर से पालतू जानवरों और पक्षियों की वास्तविक गणना करके डेटा एकत्र किया जाता है, ताकि देश की कुल पशुधन संपदा का आकलन किया जा सके।