देश में सूचना और प्रोद्योगिकी सेक्टर यानी आईटी सेक्टर (IT sector) के लिए अगला साल यानी 2024 चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। कुछ बड़ी आईटी कंपनियां अगले साल खुद को कैम्पस सलेक्शन के जरिये भर्ती (IT hirings) से किनारे रख सकती हैं। मिंट की खबर के मुताबिक, दुनियाभर में जारी स्लोडाउन के चलते भारतीय कंपनियों ने हाइरिंग (भर्ती) के मामले में अपना प्लान फिलहाल होल्ड पर रख दिया है। माना जा रहा है कि साल 2024 आईटी हाइरिंग (IT companies hiring) के मामले में अब तक का सबसेस बुरा साल हो सकता है।
हेडकाउंट की ग्रोथ रेट महज 2.4 प्रतिशत रहने के आसार
खबर के मुताबिक, भारत के आईटी सेक्टर (IT sector) में इस वित्तीय वर्ष में हेडकाउंट की ग्रोथ रेट महज 2.4 प्रतिशत की गति से बढ़ने की संभावना है। कोविड-19 महामारी के बाद ऐसा पहली बार देखने को मिल सकता है। आईटी सेक्टर में मैनपावर ग्रोथ की बात करें तो साल 2021 के मुकाबले साल 2022 में यह 20 प्रतिशत था, जो इस साल इसके आस-पास भी रहने की उम्मीद नहीं है।
बेहद कम संख्या में होगी भर्तियां
देश और दुनिया की दिग्गज आईटी कंपनियां इंफोसिस (Infosys) और विप्रो (Wipro) जिसने पिछले तीन साल में कुल मिलाकर 2,08,000 इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स को हायर किया था,ने कहा है कि वह इस साल कैम्पस में बिल्कुल भी जाने का कोई इरादा नहीं रखती हैं। हालांकि इनकी कॉम्पिटिटीव कंपनियां टीसीएस (TCS) और एचसीएल (HCL)ने कहा है कि वह कॉलेज से भर्तियां (IT companies hiring) लेंगी।
यहां तक कि इंडस्ट्री के एक्सपर्ट भी मानते हैं कि भर्ती अगर होगी भी तो इसकी संख्या काफी कम होगी। आईटी सेक्टर में कम डिमांड ने ऐसी स्थिति पैदा कर दी है। कहा जा रहा है कि ऐसा एक दशक में सबसे कम होगा जब कंपनियां सबसे कम संख्या में हाइरिंग (IT companies hiring) करेंगी।