देश में घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा और गुजरात के धोलेरा की तरह विभिन्न राज्यों में 12 नए औद्योगिक शहर स्थापित किए जाएंगे। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के सचिव राजेश कुमार सिंह ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि इस तरह के दो औद्योगिक शहर आंध्र प्रदेश और एक बिहार में विकसित किए जा रहे हैं। सिंह ने कहा कि ऐसे आठ शहर पहले से ही कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं। गुजरात के धोलेरा, महाराष्ट्र के ऑरिक (औरंगाबाद), मध्य प्रदेश के विक्रम उद्योगपुरी और आंध्र प्रदेश के कृष्णापत्तनम में इन शहरों की बसावट के लिए सहयोगी इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा चुका है और अब उद्योगों के लिए भूखंडों के आवंटन का काम चल रहा है।
बजट में हुई है 12 नए औद्योगिक शहरों की घोषणा
इसी तरह चार अन्य औद्योगिक शहरों में भी सरकार की विशेष इकाई वाहन सड़क संपर्क, पानी और बिजली आपूर्ति जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण की प्रक्रिया में जुटी हुई है। सिंह ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा कि ये आठ शहर पहले से ही विकास के चरण में हैं और बजट में 12 नए औद्योगिक शहरों की घोषणा की गई है, जिससे देश में इन शहरों की कुल संख्या 20 हो जाएगी। उन्होंने कहा, "ये औद्योगिक स्मार्ट शहर हैं। इन 12 नए शहरों के आने पर कुल संख्या 20 हो जाएगी। हमने बुनियादी ढांचा खड़ा करने के बाद भूखंड आवंटित किए। हम पूरे शहर के लिए पर्यावरण मंजूरी लेते हैं, लिहाजा वहां जाने वाली कंपनी को सिर्फ अपना काम शुरू करना होता है।"
पैदा होंगे रोजगार
सिंह ने कहा कि डीपीआईआईटी नए शहरों के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल से संपर्क करेगा। उन्होंने कहा, "इसके लिए योजनाएं तैयार हैं और जमीन राज्य सरकारों के पास है। हमें बस इसके लिए गठित विशेष उद्देश्य वाली इकाइयों (एसपीवी) को इक्विटी मंजूरी देनी है।" इस कदम से देश के सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण की हिस्सेदारी बढ़ाने और रोजगार सृजन में मदद मिलेगी। स्मार्ट औद्योगिक शहरों की स्थापना के ऐलान पर शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी में साझेदार आशु गुप्ता ने कहा कि राज्यों और निजी क्षेत्र के सहयोग से यह अभिनव सुधार औद्योगिक विकास एवं शहरी नियोजन को काफी बढ़ावा दे सकता है। गुप्ता ने कहा, "ये परियोजनाएं गतिशील आर्थिक केंद्र बन जाएंगी जो विकास और नवाचार को बढ़ावा देंगी और स्थायी प्रभाव पैदा करेंगी।" मंगलवार को पेश 2024-25 के बजट में सरकार ने विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सीमा शुल्क को युक्तिसंगत बनाने जैसे अन्य उपायों की भी घोषणा की है।